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रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद महाराज का निधन, सीएम विष्णुदेव साय ने दी श्रद्धांजलि - Swami Smaranand Maharaj

Ramakrishna Mission President रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ के 16वें अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद महाराज का निधन हो गया. स्वामी जी के निधन पर राजनीतिक हस्तियों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की.सीएम विष्णुदेव साय ने स्वामी जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.Swami Smaranand Maharaj passes away

Ramakrishna Mission President
रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद महाराज का निधन

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 27, 2024, 12:19 PM IST

रायपुर : रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद महाराज का मंगलवार को कोलकाता में 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. स्मरणानंद महाराज का इलाज कोलकाता के निजी अस्पताल में चल रहा था. स्मरणानंद महाराज पिछले कुछ साल से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे. लगातार इलाज के बाद भी उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था.इसलिए महाराज को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां न्यूरोलॉजी और दूसरे विभाग के डॉक्टर्स उनकी सेहत को सुधारने की कोशिश कर रहे थे.लेकिन मंगलवार को महाराज के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया.जिसके बाद उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया.फिर भी स्मरणानंद महाराज को बचाया नहीं जा सका. स्वामी स्मरणानंद महाराज रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के 16वें अध्यक्ष के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे.

पीएम मोदी और सीएम विष्णुदेव साय ने जताया दुख :स्वामी स्मरणानंद महाराज के निधन पर पीएम मोदी और छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने गहरा दुख व्यक्त किया है. सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के पूजनीय अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद महाराज जी के ब्रह्मलीन होने की दुःखद खबर प्राप्त हुई.उन्होंने अपना पूरा जीवन अध्यात्म और मानव सेवा के लिए समर्पित किया. ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति और देश भर में फैले उनके अनुयायियों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं. ॐ शांति..

कौन थे स्वामी स्मरणानंद : स्वामी स्मरणानंद महाराज रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के 16वें अध्यक्ष थे. स्मरणानंद स्वामी आत्मस्थानंद की मृत्यु के बाद से ही रामकृष्ण मिशन और मठ की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. स्वामी स्मरणानंद जी का जन्म 1929 में तमिलनाडू के तंजावुर के अंदामी गांव में हुआ था. स्वामी स्मरणानंद बचपन से ही गहन विचारक थे. 20 साल की उम्र में स्वामी स्मरणानंद महाराज रामकृष्ण संप्रदाय से जुड़े. सबसे पहले स्वामी जी ने संप्रदाय की मुंबई शाखा में कदम रखा.इसके बाद 1952 में 22 साल की उम्र में मठवासी का जीवन अपनाया.

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