शिमला:जेपी नड्डा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद हिमाचल से राज्यसभा की एक सीट के लिए कल यानी मंगलवार को मतदान होगा. कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव मैदान में हैं. भाजपा ने भी हर्ष महाजन को उम्मीदवार बनाया है. विधानसभा की कुल 68 सीटों में से कांग्रेस के पास चालीस विधायक हैं. भाजपा सदस्यों की संख्या 25 है और तीन निर्दलीय सदस्य हैं. कांग्रेस का दावा है कि उसके पास अपने चालीस विधायकों सहित तीन निर्दलीय सदस्यों का समर्थन है. ऐसे में देखना ये है कि मंगलवार 27 फरवरी को राज्यसभा की ये सीट किसके हाथ लगेगी. कांग्रेस और भाजपा में से किस दल के उम्मीदवार को होगा जीत का हर्ष, इस पर सबकी निगाहें टिक गई हैं.
सुबह नौ से चार तक वोटिंग, इनको दिखाना होगा वोट
विधानसभा सेशन के बीच राज्यसभा की इस सीट के लिए सुबह नौ बजे से वोटिंग शुरू होगी. विधानसभा सदस्य नौ बजे से चार बजे के बीच वोट डाल सकेंगे. शाम पांच बजे परिणाम घोषित किया जाएगा. कांग्रेस ने वोटिंग के लिए कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी व सीपीएस संजय अवस्थी को अधिकृत एजेंट बनाया है. वहीं, भाजपा ने ये जिम्मेदारी सतपाल सिंह सत्ती व राकेश जम्वाल को सौंपी है. इसका अर्थ ये है कि कांग्रेस सदस्यों को जगत नेगी को दिखाकर अपना वोट डालना होगा. भाजपा सदस्य सतपाल सिंह सत्ती को दिखाकर वोट डालना होगा. कांग्रेस ने इसके अलावा पोलिंग एजेंट व काउंटिंग एजेंट के रूप में क्रमश: हर्षवर्धन चौहान और रोहित ठाकुर की जिम्मेदारी लगाई है. भाजपा ने ये जिम्मेदारी विनोद कुमार को दी है. वोटिंग के बाद शाम पांच बजे मतगणना होगी. विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा की देखरेख में सारी प्रक्रिया संपन्न होगी. वे ही नियुक्ति पत्र भी जारी करेंगे. निर्वाचन से जुड़ी सारी प्रक्रिया की अवधि 29 फरवरी तक निर्धारित है. विधानसभा सचिव चुनाव के रिटर्निंग अधिकारी होते हैं.
कांग्रेस को क्रास वोटिंग का डर, सुधीर ने किया निश्चिंत
चुनाव के लिए कांग्रेस को क्रास वोटिंग का डर सता रहा है. अपनी ही सरकार से नाराज सुधीर शर्मा ने हालांकि ये दावा किया है कि कांग्रेस के पास बहुमत है और जीत पक्की है, लेकिन जब तक वोटिंग न हो जाए तब तक कुछ भी कहना संभव नहीं है. राजेंद्र राणा भी कई बार अपनी सरकार से नाराजगी जता चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस को भीतर ही भीतर कुछ डर भी सता रहे हैं. भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन भी कांग्रेस में अपने पुराने साथियों से संपर्क कर रहे हैं. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी अपनी रणनीति को अचूक मानकर चल रहे हैं.