राजसमंद. लोकसभा सीट राजसमंद पर इस बार भाजपा की महिमा कुमारी मेवाड़ व कांग्रेस के दामोदर गुर्जर के बीच सीधा मुकाबला है. हालांकि इस सीट पर 10 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, जिनमें कुछ राजनीतिक दल और कुछ निर्दलीय प्रत्याशी है. वर्ष 2019 के मुकाबले इस बार 6.44 प्रतिशत कम मतदान हुआ है. इस बीच चुनाव को लेकर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दल व प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. अब मतपेटियां खुलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि आखिर जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा. वैसे इस बार का मुकाबला रोचक बताया जा रहा है और परिणाम भी अप्रत्याशित रह सकते हैं.
दरअसल, परिसीमन के बाद वर्ष 2009 में राजसमंद लोकसभा अस्तित्व में आई. उससे पहले राजसमंद क्षेत्र उदयपुर लोकसभा सीट में शामिल था. इस तरह राजसमंद लोकसभा सीट पर यह चौथा चुनाव है. राजसमंद लोकसभा सीट का इलाका भी काफी लंबे-चौड़े क्षेत्रफल में है, जिसमें मेवाड़ व मारवाड़ के चार जिले राजसमंद, पाली, अजमेर व नागौर जिला शामिल हैं. इनमें आठ विधानसभा नाथद्वारा, कुंभलगढ़, राजसमंद, भीम, जैतारण, ब्यावर, मेड़ता व डेगाना शामिल हैं. दोनों राजनीतिक दलों में क्षेत्रवाद का मुद्दा हमेशा हावी रहता है. 3 बार हुए इस सीट के चुनाव में कांग्रेस ने 2 बार मारवाड़ की तरफ वाले प्रत्याशी को टिकट दिया, जबकि एक बार मेवाड़ क्षेत्र के नाथद्वारा से टिकट दिया गया, जबकि भाजपा ने 1 बार मारवाड़, 1 बार मेवाड़ तो 1 बार दीया कुमारी को टिकट दिया है.
ये रहे पिछले तीन चुनावों के परिणाम :
पहला चुनाव : 2009 में भाजपा के रासासिंह रावत को हरा कर कांग्रेस के गोपालसिंह ईडवा विजयी हुए थे. ईडवा नागौर जिले से हैं, जो मारवाड़ क्षेत्र में आता है.
दूसरा चुनाव :2014 में भाजपा के हरि ओमसिंह राठौड़ ने कांग्रेस के गोपालसिंह ईडवा को हराया. इसमें राठौड़ राजसमंद विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले थे.
तीसरा चुनाव :2019 में भाजपा ने जयपुर पूर्व राजपरिवार की दीया कुमारी ने कांग्रेस के देवकीनंदन गुर्जर को हराया. दीया कुमारी लोकसभा क्षेत्र से बाहर की थी, जबकि कांग्रेस ने राजसमंद सीट में ही नाथद्वारा के गुर्जर को टिकट दिया. दीया कुमारी को विद्याधर विधायक का चुनाव लड़ाकर उप मुख्यमंत्री बना दिया गया. पिछला चुनाव भाजपा ने करीब 5 लाख वोटों से जीता था.
इस बार इनके बीच है मुकाबला (फोटो : ईटीवी भारत) इसे भी पढ़ें- जोधपुर सीट : दो राजपूतों के बीच पहली बार कड़ा मुकाबला, क्या करणसिंह रोकेंगे शेखावत की हैट्रिक ? - Rajasthan Lok Sabha Election 2024
जानें कौन हैं भाजपा प्रत्याशी :बीजेपी ने यहां से मेवाड़ राजघराने की महिमा कुमारी मेवाड़ को टिकट दिया है. वे पहली बार चुनाव लड़ रही हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुई थी. इसके बाद उन्होंने ग्वालियर और फिर दिल्ली के कॉलेज शिक्षा लेडी श्रीराम कॉलेज में शिक्षा ग्रहण की. उनके पति महाराणा प्रताप के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ पहली बार नाथद्वारा से कांग्रेस के सीपी जोशी को हराकर विधानसभा पहुंचे हैं. अब उनकी पत्नी महिमा लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं. हालांकि, यहां राजपूत समाज का बड़ा प्रभाव है और मेवाड़ से लगता इलाका भी है तो भले ही महिमा यहां के लोगों के लिए नई हैं, लेकिन स्थानीय लोगों में आज भी उनके परिवार के लिए सम्मान बरकरार है. वे नाथद्वारा में अपने पति के लिए जमकर चुनाव प्रचार कर चुकी हैं. ऐसे में वहां का राजनीतिक अनुभव उनके कुछ काम आ सकती है.
कौन हैं कांग्रेस प्रत्याशी ? : दामोदर गुर्जर आरपीएस अधिकारी रह चुके हैं. वे मूलरूप से सवाईमाधोपुर के निवासी हैं. वे वर्तमान में जयपुर में देव मेडिकल कॉलेज एंड एजुकेशन ग्रुप के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर राजसमंद सीट से चुनाव लड़ा है. हालांकि, कांग्रेस ने पहले उन्हें भीलवाड़ा से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन सुदर्शन रावत ने टिकट लौटा दिया. इसके बाद पार्टी ने दामोदर गुर्जर को राजसमंद से चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान किया.
2019 का चुनावी परिणाम (फोटो : ईटीवी भारत) इसे भी पढ़ें- अजमेर लोकसभा सीट पर कभी कांग्रेस का था दबदबा, अब माना जाता है भाजपा का गढ़ - Lok Sabha Election 2024
पिछले तीन चुनाव में 1 बार कांग्रेस और 2 बार भाजपा की जीत हुई है. अब चौथे चुनाव का परिणाम क्या रहेगा, यह भविष्य के गर्त की बात है, मगर वर्ष 2014 के बाद वर्ष 2019 के चुनाव में जीत का मार्जिन 45 प्रतिशत तक बढ़ गया था.
ये हैं चुनावी मुद्दे :राजसमंद पर्यटन स्थल के साथ-साथ संगमरमर के पत्थर की प्रसिद्ध मंडी के रूप में जाना जाता है. यहां कृषि भी बड़ा व्यवसाय है. ज्यादातर भू-भाग खनिज संसाधनों से समृद्ध होने के कारण अंधाधुंध दोहन को रोकना भी यहां के लोगों की बड़ी मांग है. यहां संगमरमर और ग्रेनाइट का खजाना है, लेकिन उसके लिए वसूली से यहां के व्यापारी परेशान हैं. जस्ता, चांदी, मैंगनीज आदि अयस्क भी यहां पायी जाती है.
सभी 8 विधानसभा में भाजपा के विधायक :राजसमंद लोकसभा क्षेत्र में कुल 8 विधानसभा आती है. विधानसभा नाथद्वारा, राजसमंद, कुंभलगढ़ और भीम के अलावा पाली की जैतारण, नागौर जिले की मेड़ता, डेगाना और अजमेर जिले की ब्यावर विधानसभा में भाजपा के ही विधायक हैं. कांग्रेस के लिए चिंता की सबसे बड़ी वजह यह भी है कि यहां की सभी 8 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है.