लोकसभा चुनाव में कवर्धा की जनता का क्या है मूड, इस बार कौन से मुद्दे रहेंगे हावी, जानिए - Lok Sabha Election 2024
राजनांदगांव लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला जोरदार होने वाला है. बीजेपी से वर्तमान सांसद संतोष पांडे और कांग्रेस से पूर्व सीएम भूपेश बघेल मैदान में हैं. राजनांदगांव सीट पर महंगाई और बेरोजगारी बड़ा मुद्दा बना हुआ है. जिसके आधार पर दोनों पार्टियां वोट मांग रही है. जनता का मूड जानने ETV भारत की टीम कवर्धा पहुंची और हर वर्ग के वोटर्स से जाना कि उन्हें इस बार कैसा सांसद चाहिए.
कवर्धा: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को राजनांदगांव लोकसभा सीटपर 7 मई को मतदान होना है. ETV भारत की टीम मतदाताओं की राय जानने के लिए के लिए कवर्धा शहर पहुंची. जहां हमने यह जानने की कोशिश किया कि यहां की जनता को इस बार कैसा सांसद चाहिए. इस दौरान मतदाताओं ने भी अपनी राय बड़ी ही बेबाकी से रखी.
क्या है कवर्धा के मतदाताओं का मूड: कवर्धा की जनता को सरकार से क्या उम्मीद है और जनता को किस तरह का नेता चाहिए? इस सवाल के जवाब में कवर्धा शहर के लोगों ने कहना है कि हर बार नेता मतदाताओं को कई तरह के वादे करते हैं और वोट लेकर जीत हासिल करते हैं. लेकिन सत्ता की कुर्सी मिलते ही जनता से किए वादे भूल जाते हैं. इसलिए इस बार जनता बहुत सोच समझकर अपना वोट देने के मूड में दिख रही है. इस बार कवर्धा से आने वाले परिणाम नेताओं को चौंका सकते हैं.
लोकसभा चुनाव में महंगाई बड़ा मुद्दा: कवर्धा के मतदाता चाहते हैं कि सरकार देश को शक्तिशाली तो बनाए ही, लेकिन गरीब जनता का ख्याल भी रखे. देश में तेजी से बढ़ती महंगाई ने मध्यम और गरीब वर्ग के लोगों की कमर तोड़ दी है. चावल, दाल, सब्जी, राशन, गैस सिलेंडर, पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं.
गरीब जनता को महंगाई से राहत दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने वाली सरकार चाहिए." - वोटर्स, कवर्धा
व्यापारी वर्ग अधिक लागत मूल्य से परेशान: कवर्धा के व्यापारियों का कहना है कि समान का दाम इतना बढ़ चुका है कि व्यापार करने में लागत मूल्य अधिक आता है. आज के वक्त में छोटे व्यापारी के लिए ठेला में व्यापार करना मुश्किल हो चुका है. लोग दूसरों के दुकानों और मकानों में काम करते हैं, जिससे उनके घर का चुल्हा जल सके. लोगों की कमाई तो रोजी रोटी चलाने में निकल जाती है, ऐसे में इस तबके के बच्चों को अच्छी शिक्षा और बेहतर जिंदगी नहीं मिलती.
"जनता आत्मनिर्भर बनने के लिए खुद का व्यापार करना चाहती हैं, लेकिन महंगाई इतनी ज्यादा है कि गरीब लोग खुद का व्यापार नहीं कर पाते." - स्थानीय व्यापारी, कवर्धा
ग्रामीणों ने सांसद के खिलाफ जताई नाराजगी:स्थानीय ग्रामीण ने विधायक तो चुनाव जीतने के बाद कभी कभी गांव तक आ भी जाते हैं, लेकिन सांसद तो सिर्फ चुनाव में वोट मांगने ही आते हैं. फिर पांच साल देखना भी मुश्किल होता है. तो विकास दूर की बात है. गांव की खस्ताहाल सड़कें और मूलभूत सुविधा के लिए आज भी ग्रामीण तरसते हैं.
"लोग इस उम्मीद से वोट करते हैं कि इस बार बेहतर नेता मिलेगा, जो गांव कि स्थिति सुधारेगा. लेकिन हर बार सिर्फ धोखा मिलता है. इस बार बहुत सोच-समझकर नेता चुनेंगे, जो सिर्फ देश की नहीं, बल्कि गांव की स्थिति सुधारे." - स्थानीय ग्रामीण, कवर्धा
योजनाओं को लेकर महिलाओं की राय: महिलाओं का कहना है कि आने वाली सरकार महिलाओं के लिए अच्छी योजना लेकर आए. ताकि महिलाएं घर की जिम्मेदारी के साथ दो पैसा कमा सके और घर चालने में मदद मिल सके. सरकार ज्यादातर जो योजना निकालती हैं, वह विज्ञापन और बेनर पोस्टर तक सीमित रह जाती है. जो योजनाएं आगे बढ़ाई जाती हैं, वह जागरूकता के अभाव और प्रशासन की लापरवाही से जरुरत मंद तक नहीं पहुंचती है. ऐसे में जमीनी स्तर पर लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता.
"सरकार जो भी योजनाएं बनाए, वह देश के हर घर तक पहुंचे. तभी इसका सही लाभ मिल पाएगा." - स्थानीय महिलाएं, कवर्धा
पीएम के लिए जनता की पहली पसंद हैं मोदी: कवर्धा के कुछ लोग विकास पुरुष के रूप में नेता चाहते हैं, जो देश के दुश्मन को उखाड़कर फेंक सके. साथ ही पूरी जिम्मेदारी के साथ फैसला ले सके. लोग राष्ट्र की बात करने वाला नेता चुनना चाहते हैं. इसलिए ऐसे लोग नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के तौर पर पसंद कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीटों पर 3 चरण में मतदान होने हैं. राजनांदगांव लोकसभा सीट में दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को होने जा रहा है. चुनाव में अब काफी कम समय बचा है. इसलिए सभी राजनीतिक दलों ने प्रचार तेज कर दिया है. सभी पार्टियां घोषणा पत्र जारी कर मतदाताओं से लुभावने वादे कर रहीं हैं. ताकि वोटर्स को अपने पक्ष में किया जा सके.