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राजस्थान तक है राजगढ़ के सीताफल की मिठास, डिमांड इतनी की सप्लाई करना मुश्किल - RAJGARH CUSTARD APPLE DEMAND

राजगढ़ के सीताफल की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. यहां से शरीफा की सप्लाई भोपाल, चंबल से लेकर कोटा तक होती है.

RAJGARH CUSTARD APPLE DEMAND
राजगढ़ के सीताफल की राजस्थान तक डिमांड (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 18, 2024, 4:05 PM IST

राजगढ़: ठंड जैसे ही शुरू होती है सीताफल भी बाजार में नजर आने लगते हैं. जंगल में होने वाला फल सीताफल जितना स्वादिष्ठ और पौष्टिक होता है उतना कोई दूसरा फल नहीं. पेड़ पर पके हुए सीताफल के स्वाद के आगे सब फेल. शक्कर से भी ज्यादा मीठा होता है यह फल. राजगढ़ के आसपास के जंगलों में सीताफल के बड़े बड़े बगीचे हैं जिन्हें कई लोग ठेके पर भी देते हैं.

राजगढ़ के आसपास होती है सीताफल की खेती

विभिन्न तरह के विटामिन्स और पौष्टिक गुणों से भरपूर सीताफल मनुष्य के शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है. राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ के बाद पाटन गांव में सीताफल के पेड़ों का बड़ा जंगल है. यहां निवास करने वाले ग्रामीण गेंहू, चने के साथ साथ सीताफल की भी खेती करते हैं. साल भर की रोजी रोटी का इंतजाम इसी जंगली फल से करते हैं.

राजगढ़ में होती है सीताफल की खेती (ETV Bharat)

जितना बड़ा फल उतना अच्छा दाम

जैसे-जैसे सीताफल की बाजार में आवक होती है वैसे-वैसे उसकी मांग बढ़ती जाती है. ये थोक व्यापारियों के पास भी पहुंचने लगते हैं और इनके दाम दोगुना से तीन गुना तक पहुंच जाते हैं. सीताफल की खेती करने वाले किसान भोला का कहना है कि सीताफल का सीजन आते ही राजगढ़ के बाजार में ही अपने फल ले जाकर बेचते हैं. सीजन में एक से डेढ़ लाख रुपये कमा लेते हैं. सीताफल की कीमत 10 रुपये से लेकर 50 रुपये तक होती है. जितना ज्यादा बड़ा फल होता है उसकी उतनी ही ज्यादा कीमत होती है.

राजगढ़ का सीताफल राजस्थान तक होता है सप्लाई (ETV Bharat)
शरीफा की हर साल होती है डिमांड (ETV Bharat)

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राजस्थान तक होती है सप्लाई

शाजापुर जिले के रहने वाले अनवर अंसारी सीताफल का ठेका लेने के लिए हर साल राजगढ़ आते हैं. ठेकेदार अनवर अंसारी बताते हैं कि हर साल सीताफल के बगीचे का ठेका लेते हैं. 30 से 35 दिन के सीजन में हर एक व्यक्ति को 35 से 50 हजार बच जाते हैं. 3 से 4 मजदूर हमारे साथ होते हैं जो यहां काम करते हैं. यहां से सीताफल भोपाल, इंदौर और उज्जैन तक सप्लाई करते हैं और जो कच्चा माल बचता है उसे राजस्थान के कोटा में भेजते हैं. पेड़ में पका हुआ फल ही ज्यादा स्वादिष्ट होता है. 30 से 35 दिन हम यहीं गुजारते हैं.

राजगढ़ में सीताफल के बगीचे (ETV Bharat)

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