जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने न्यायिक सेवा भर्ती-2024 से जुडे़ मामले में कहा है कि प्रतियोगी परीक्षा के निर्देशों की पालना करना भर्ती एजेंसी व परीक्षार्थी दोनों का ही दायित्व है. भर्ती परीक्षा की ओएमआर शीट को जांचने का काम मशीन करती है और इसमें अधूरे छोडे़ गए गोलों को मशीन नहीं पढ़ सकती है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट भी यह व्यवस्था दे चुका है कि हाईकोर्ट भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया में शिथिलता नहीं दिला सकता. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को किसी भी तरह की राहत नहीं दी जा सकती. सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश पायल व अन्य की याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए.
याचिका में दिया ये तर्कःयाचिकाओं में कहा गया था कि उन्होंने आरजेएस भर्ती परीक्षा में भाग लिया था. इस दौरान उन्होंने ओएमआर शीट में उत्तर देते समय गोलों को सही तरीके से नहीं भरा है. ऐसे में मशीन सही तरीके से गोलों को नहीं जांच सकती और इससे उनकी पूरी मेहनत ही बेकार हो जाएगी. ऐसे में उन्हें कमी सुधारने का मौका दिया जाए.