जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने नेशनल मेडिकल काउंसिल से मान्यता लिए बिना ही एमबीबीएस कराने वाले सिंघानिया विश्वविद्यालय से जुड़े मामले में सभी पक्षों की बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश सिंघानिया यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस करने वाली रंजना जांगड़ा व अन्य की याचिकाओं पर दिए. अदालती आदेश के पालन में एसीएस उच्च शिक्षा रिकॉर्ड सहित अदालत में पेश हुए, जिस पर अदालत ने रिकार्ड रजिस्ट्रार न्यायिक के पास भेजते हुए इसका परीक्षण करने की मंशा जताई.
सुनवाई के दौरान आरएमसी की ओर से कहा कि उन्होंने गलती से याचिकाकर्ताओं से फीस ले ली थी और उन्हें इंटरव्यू के लिए बुला लिया था. इसके लिए आरएमसी ने अदालत में खेद प्रकट कर कहा कि एनएमसी एक्ट के तहत मान्यता लिए बिना एमबीबीएस कोर्स को मंजूरी नहीं दे सकते. यूनिवर्सिटी की दलील थी कि ऐसी कई अन्य यूनिवर्सिटी भी हैं जो बिना मान्यता और कानूनी प्रावधानों के बिना ही कोर्स चला रही हैं.