जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने बीस साल से आपराधिक गतिविधियों में शामिल नहीं रहने के बावजूद पुलिस की ओर से हिस्ट्री शीट बंद नहीं करने और व्यक्तिगत रजिस्टर से नाम नहीं हटाने को गलत माना है. इसके साथ ही अदालत ने हिस्ट्री शीट खोलने के संबंध में जारी 5 अप्रैल, 2006 और व्यक्तिगत रजिस्टर में नाम दर्ज करने वाले झुंझुनूं एसपी के 19 सितंबर, 2022 के आदेश को रद्द कर दिया है. वहीं, अदालत ने पुलिस प्रशासन को कहा है कि वह हिस्ट्री शीट और व्यक्तिगत रजिस्टर से याचिकाकर्ता का नाम हटाए. इसके अलावा अदालत ने याचिकाकर्ता का नाम सर्विलांस रजिस्टर और वेबसाइट से भी एक माह में हटाने को कहा है. जस्टिस अनिल कुमार उपमन की एकलपीठ ने यह आदेश महेन्द्र कुमार की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता सुरेन्द्र कुमार लांबा ने अदालत को बताया कि झुंझुनू एसपी ने 5 अप्रैल, 2006 को उसका नाम हिस्ट्री शीट में लिखा था और 19 सितंबर, 2022 को उसका नाम व्यक्तिगत रजिस्टर में लिख दिया गया. याचिका में कहा गया कि व्यक्ति की हिस्ट्री शीट खोलने के लिए उसे कम से कम तीन मामलों में लगातार दोष सिद्ध किया जाना जरूरी है, जबकि याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज पांच में से तीन मामलों में वह बरी हो चुका है और दो मामलों में उसे परिवीक्षा का लाभ मिला है.