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विधि विज्ञान प्रयोगशाला से एफएसएल रिपोर्ट साठ दिन के भीतर ली जाए-हाईकोर्ट - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला से एफएसएल रिपोर्ट अधिकतम साठ दिन में प्राप्त की जाए.

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राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 26, 2025, 8:00 PM IST

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने एफएसएल रिपोर्ट आने में हो रही देरी पर चिंता जताते हुए डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला से एफएसएल रिपोर्ट अधिकतम साठ दिन में प्राप्त की जाए. इसके लिए डीजीपी एफएसएल निदेशक से समन्वय करें. अदालत ने डीजीपी को 18 मार्च को यह बताने को कहा है कि एफएसएल रिपोर्ट जल्दी प्राप्त करने के लिए उनकी ओर से क्या ठोस कदम उठाए गए हैं. वहीं, अदालत ने एनडीपीएस प्रकरण से जुड़े मामले में आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस अनिल कुमार उपमन की एकलपीठ ने यह आदेश धीरज सिंह परमार की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मादक पदार्थ वाणिज्यिक मात्रा से अधिक बरामद होता है तो मामले की जांच 180 दिन में और इससे कम मात्रा में मिलने पर उस स्थिति में साठ दिन में मामले की जांच पूरी होनी चाहिए. अदालत ने कहा कि जब्ती अधिकारी की राय के आधार पर किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता को दांव पर नहीं लगाया जा सकता. याचिकाकर्ता से बरामद प्रतिबंधित पदार्थ की मात्रा को देखते हुए आरोप पत्र दाखिल किए बिना उसे अधिकतम साठ दिन के लिए ही न्यायिक अभिरक्षा में रखा जा सकता था. मामले में एफएसएल रिपोर्ट 130 दिन की देरी से आई है.

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आरएस गुर्जर ने अदालत को बताया कि मानसरोवर थाना पुलिस ने करीब 24 ग्राम एमडीए रखने के आरोप में याचिकाकर्ता को गत वर्ष 18 मार्च को गिरफ्तार किया था. वहीं 11 सितंबर, 2024 को एफएसएल रिपोर्ट में आया कि बरामद पदार्थ एमडीए ना होकर मेथामफेटामाइन था. याचिका में कहा गया कि एमडीए की वाणिज्यिक मात्रा दस ग्राम और मेथामफेटामाइन की 50 ग्राम है. ऐसे में मामले की जांच साठ दिन में पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन पुलिस ने 12 सितंबर, 2024 को आरोप पत्र पेश किया. ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ श्याम नगर थाना पुलिस में भी एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज है. ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी को जमानत का लाभ देते हुए डीजीपी को निर्देश जारी किए हैं.

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