जयपुर :विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद का मुद्दा गरमाया रहा. सरकार की ओर से संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं मिलने पर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया. सत्ता पक्ष के हंगामे के बीच सदन में मौजूद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बाजरे की खरीद को लेकर सरकार की आगामी योजनाओं के बारे में बताया. सीएम भजनलाल शर्मा जब जवाब दे रहे थे, तभी विपक्षी सदस्य बीच में बोलने लगे. इस पर उन्होंने कहा, 'जवाब पूरा सुनें, हमने जो कहा है वो जरूर करेंगे', हालांकि भजन लाल शर्मा के बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली खड़े हुए और उन्होंने सीएम की मौजूदगी पर कटाक्ष किया और कहा कि सरकार अगर सीधा जवाब दे तो विपक्ष को आपत्ति नहीं है, लेकिन सरकार के मंत्री जब जवाब को गोल-गोल जवाब देकर गुमराह करने की कोशिश करते हैं, तो बोलना तो पड़ेगा. इसके बाद सदन में एक बार फिर हंगामा हो गया. बाद में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मामले को शांत कराया.
यूं बरपा हंगामा: दरअसल, विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक ऋतु बनावत ने वर्ष 2022-23 और 23 - 24 में बाजरे का उत्पादन और सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने के लक्ष्य को लेकर सवाल किया था. इसके जवाब में मंत्री खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने जवाब दिया, लेकिन विपक्ष ने ये कहते हुए हंगामा कर दिया कि मंत्री जवाब को घुमा रहे हैं. सरकार के पास जवाब नहीं है. इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई. सदन में मौजूद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि यदि प्रश्न किया है तो उत्तर सुनने की जिम्मेदारी भी होनी चाहिए. किसी की तरफ अगर अंगुली करते हैं तो 4 अपनी तरफ भी होती है.
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सरकार बनने के बाद पहली बार बाजरे की फसल होगी, लेकिन विचार करना चाहिए कि पिछले 5 साल में कितनी खरीद की गई? पिछली सरकार के वक्त यूपी में बाजरे के भाव 2400-2500 रुपए थे, जबकि हमारे यहां 1400-1500 में बाजार बिका. सीएम ने कहा कि हमने जो वादा जनता से किया है, वह हाल में पूरा करेंगे. मंत्री ने जो जवाब दिया है उसके आधार पर हम बाजरे का लाभ जनता को देंगे. मुख्यमंत्री के जवाब के बाद नेता प्रतिपक्ष जूली खड़े हुए और कहा कि आपको देखकर अच्छा लगा. मुख्यमंत्री सदन में मौजूद रहते हैं तो सदन की गरिमा बढ़ती है. पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत सदन में ज्यादा से ज्यादा मौजूद रहते थे. आप आए अच्छा लगा, लेकिन आपने कहा कि प्रश्न लगाया तो जवाब भी सुनना पड़ेगा. हम जवाब सुनना चाहते हैं. सुन भी रहे है, लेकिन उसका जवाब सही होना चाहिए. इधर-उधर का नहीं होना चाहिए. जवाब सीधा देने की बजाए मंत्री गोल गोल घुमाते हैं. इसकी वजह से विपक्ष को बोलने पर मजबूर होना पड़ता है. जूली ने कहा कि आपने गेहूं की खरीद कम की और आपने जो वादा किया, वह नहीं निभाया. आपने सिर्फ 150 रुपए बोनस दिया, जबकि वादा ज्यादा का किया था. इसके बाद फिर से सदन में हंगामा हो गया. इस पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनारायण में मध्यस्थता कर शांत कराया.