बारिश के चलते जर्जर स्कूल इमारत को खतरा (ETV Bharat Dholpur) धौलपुर: जिले के बाड़ी उपखण्ड के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अजीतपुर में स्कूली छात्र-छात्राओं सहित ग्रामीण महिला एवं पुरुषों का विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए आक्रोश भड़क गया. ग्रामीणों ने राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. वहीं ग्रामीणों ने भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए बच्चों को विद्यालय नहीं भेजने का निर्णय लिया है. बारिश की वजह से कभी भी हादसा हो सकता है.
कार्यवाहक प्रधानाचार्य हुकुमचंद मीणा ने बताया कि विद्यालय को राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 में कक्षा 8वीं से 12वीं तक क्रमोन्नत किया था. लेकिन भवन के अभाव में कक्षाओं को संचालित करने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. विद्यालय में कुल 4 कमरे हैं. वे भी पूरी तरह से छतिग्रस्त हैं. कमरों की छतों से बारिश का पानी टपकने से विद्यालय का रिकॉर्ड सहित खाद्य सामग्री भी भीग चुकी है. उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में अधिकांश बच्चों की छुट्टी कर दी जाती है. भवन के अभाव और स्टाफ की कमी को देखते हुए अधिकांश बच्चे स्कूल छोड़कर अन्य स्कूलों में अपना प्रवेश ले चुके हैं. भवन की समस्या को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.
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ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में भवन की समस्या लम्बे समय से चली आ रही है. 4 कमरों में 10वीं तक की कक्षाएं संचालित हो रही हैं. अब तो आलम ये है कि विद्यालय में मौजूद भवन भी पूरी तरह से छतिग्रस्त हो चुका है. कमरों की छतों से पानी टपकने से दीवारों में भी दरारें आ चुकी है. जिसमें कभी भी बड़ा हादसा होने का अंदेशा बना हुआ है. इसी अंदेशे की वजह से गुरुवार को अभिवावकों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का निर्णय लिया. लोकेंद्र सिंह पदेन पंचायत प्रारम्भिक अधिकारी ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर अजीतपुर के विद्यालय में निरीक्षण के लिए गया. विद्यालय के भवन की जर्जर स्थिति बनी हुई है. कमरों की सभी छतों से पानी टपक रहा है. इस सम्बंध में उच्चाधिकारियों को समस्या से अबगत करा दिया गया है.
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हो सकता है बड़ा हादसा: बारिश की वजह से खतरा बना हुआ है. स्कूल की इमारत अवधिपार हो चुकी है. स्कूल की छत और दीवारें जर्जर हो चुकी है. छत और दीवारों से पत्थरों के टुकड़े टूट कर गिरते रहते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि शिक्षा विभाग ने स्कूल तो क्रमोन्नत कर दिया, लेकिन बच्चों के लिए नए भवन का निर्माण नहीं कराया गया. बरसात के सीजन में खतरा मंडरा रहा है. जर्जर इमारत कभी भी धराशाई हो सकती है. जिसे लेकर अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का निर्णय लिया है.