करनाल:आज से झमाझम बरसात की शुरुआत हो चुकी है. हरियाणा के ज्यादातर जिलों से जलमग्न की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. जिसके चलते लोग काफी ज्यादा परेशान है. जबकि ये सीजन की पहली बारिश है. अभी पूरी बरसात बाकी है. वहीं, यमुना नदी में अभी तक बाढ़ से बचाव के कार्य शुरू नहीं किए गए हैं. बड़ा सवाल ये कि महज अभी कुछ दिनों में ही प्रशासन कैसे बाढ़ के इंतजाम करेगा. कैसे तीस करोड़ रुपये की लागत से काम किए जाएंगे. नदी में स्टड और तटबंध का काम नहीं होने से किसान मायूस हैं. बीते साल की तरह इस बार भी बड़े नुकसान की आशंका ग्रामीणों को सताने लगी है. जिससे लोगों में दहशत का माहौल है.
बाढ़ जैसे हालात से कैसे निपटेगा प्रशासन: ETV भारत की टीम ने जब यमुना क्षेत्र में निर्माण कार्यों का जायजा लिया तो बाढ़ बचाव को लेकर किए गए सिंचाई विभाग के दावे हवा हवाई नजर आए. करनाल जिले में करीब तीस करोड़ की लागत से यमुना नदी में 23 स्टड के निर्माण और मरम्मत का काम होना था. विभाग ने दावा किया था कि बाढ़ बचाव के सभी कार्य 30 जून से पहले पूरे कर दिए जाएंगे. लेकिन अभी तक ये काम शुरू भी नहीं हुए है. जबकि बरसात ने जोरो-शोरो से एंट्री कर ली है.
स्टड बनाने का काम नहीं हुआ शुरू: यमुना क्षेत्र के किसानों को डर है कि बीते साल की तरह इस वर्ष भी यमुना नदी में बाढ़ आने पर उनकी फसलें तबाह हो जायेगी. किसानों ने बताया कि अभी तक सिर्फ नदी पर पत्थर आया है. लेकिन स्टड बनाने का काम शुरू भी नहीं हुआ. आठ दिनों में ये काम पूरा होना संभव नहीं है. किसानों का आरोप है कि तटबंध मजबूत करने के काम में जानबूझकर देरी की जाती है. जब नदी में पानी आएगा उस समय ठेकेदार आनन फानन में नदी के अंदर पत्थर फेंक देंगे. किसानों ने बाढ़ बचाव के कार्य को लेकर विभाग पर सवाल उठाए हैं.
बरसात की एंट्री हो चुकी है: सिंचाई विभाग के एसडीओ करनैल सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष हमारे करनाल के बाढ़ राहत से जुड़े आठ कार्यों को मंजूरी मिली थी. इनमें से तीन कार्य 30 जून तक पूरे हो जाएंगे.बाकी पांच कामों को पूरा करने के लिए पत्थर की सप्लाई जारी है. पिछले दिनों आचार संहिता के कारण इन कार्यों में देरी हुई. लेकिन हम इन्हें जल्द पूरा करने के प्रयास में है. काम की क्वालिटी के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो भी डिजाइन और ड्राइंग मंजूर हुई है. उसी के हिसाब से काम को तसल्ली से पूरा किया जा रहा है.