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11 साल बाद हो रहा रेल यूनियनों की मान्यता का चुनाव, बढ़-चढ़कर कर्मचारी ले रहे हिस्सा, 12 को आएगा परिणाम

railway union Election:11 साल बाद रेलवे यूनियन का चुनाव हो रहा है. इसका परिणाम 12 दिसंबर को आएगा.

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11 साल बाद रेलवे यूनियन का चुनाव (photo credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 14 hours ago

लखनऊ: रेलवे की मान्यता के लिए 11 साल बाद यूनियन का चुनाव हो रहा है. चार, पांच और छह दिसंबर को चुनाव में रेल कर्मचारी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे. पहले दिन लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन और ऐशबाग रेलवे स्टेशन पर वोट डालने वाले कर्मचारी काफी खुश नजर आए. उत्तर रेलवे के 17 जोन में कुल 12 लाख कर्मचारी मतदाता हैं. जबकि उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में 19,740 कर्मचारी मतदाता हैं, जो अपने मत का प्रयोग करेंगे. जहां रेलवे के विभिन्न विंग के कर्मचारी चार और पांच दिसंबर को मतदान कर सकेंगे. वहीं, रनिंग स्टाफ के कर्मचारी छह दिसंबर को भी अपना वोट डाल सकेंगे. रेलवे यूनियन की मान्यता का परिणाम 12 दिसंबर को आएगा.

लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर अपने मत का प्रयोग करने के लिए लाइन में लगे रेलकर्मी काफी खुश नजर आ रहे हैं. कोई पहली बार यूनियन की मान्यता के लिए अपने मत का प्रयोग कर रहा है, तो कोई साल 2007 में शुरू हुए यूनियन की मान्यता के चुनाव से लेकर अब तक तीसरी बार अपने मत का इस्तेमाल कर रहा है. पहली बार वोट डालने वाले काफी खुश हैं, कि वह अपने मत का इस्तेमाल कर रहे है. अपनी पसंद की रेल यूनियन की मान्यता के लिए मत कर पा रहे हैं. वहीं 2011 के बाद 11 साल बाद वोट डालने वाले कर्मचारी भी काफी खुश हैं.

ETV भारत को कुछ मतदाताओं ने बताया, कि साल 2007 में रेल यूनियन की मान्यता के लिए चुनाव शुरू हुए थे. हर छह साल बाद यूनियन की मान्यता का चुनाव होता है. साल 2013 में यूनियन के मान्यता का चुनाव हुआ था, लेकिन इसके बाद 2019 में चुनाव नहीं हुआ. फिर कोविड की वजह से चुनाव नहीं हो पाया. जब चुनाव में लगातार देरी होती गई तो रेल यूनियन के नेता कोर्ट गए. कोर्ट की दखल के 11 साल बाद अब चुनाव हो रहे हैं.

मतदाताओं और एनआरएमयू मंडल मंत्री आरके पांडेय ने दी जानकारी (photo credit; ETV Bharat)
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इस बार के चुनाव में लखनऊ मंडल में पांच यूनियन मैदान में हैं. नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन, नॉर्दर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन, उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन, उत्तरीय रेलवे कर्मचारी यूनियन, स्वतंत्र बहुजन यूनियन. एक और यूनियन ने इस चुनाव में मैदान में उतरने का फैसला लिया था. इस यूनियन का नाम रेलवे ट्रैक मेंटेनर यूनियन है. यह यूनियन मानकों पर खरी नहीं उतरी. जिसके बाद न्यायालय के आदेश पर इस यूनियन को चुनाव मैदान में उतरने से रोक दिया गया और नामांकन खारिज कर दिया गया.

यात्रियों की कुर्सियों पर यूनियन का कब्जा:चारबाग रेलवे स्टेशन पर भी मतदान स्थल बनाया गया. यहां पर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने वाले यात्रियों के लिए जो कुर्सियां लगी हैं उन पर मतदान कर्मियों और मतदाताओं ने कब्जा कर लिया. इससे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियों को बैठने के लिए भी जगह नहीं मिली. वह या तो इधर-उधर भटकते रहे या फिर फर्श पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करते रहे.

चुनाव के लिए 28 पोलिंग बूथ:नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के मंडल मंत्री आरके पांडेय ने बताया, कि 11 साल बाद रेल यूनियन की मान्यता का चुनाव हो रहा है. इसमें रेलकर्मी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. चुनाव में कर्मचारी मतदाता अपने वोट डाल सकेंगे. रनिंग स्टाफ को तीन दिन वोट डालने का अधिकार दिया गया है, जबकि अन्य विंग के मतदाता चार और पांच दिसंबर को ही अपना वोट कर सकेंगे. उन्होंने बताया, कि 28 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. लखनऊ मंडल में 19,740 मतदाता हैं, जबकि उत्तर रेलवे के 17 जोन में 12 लाख से कुछ ज्यादा मतदाता हैं. वर्तमान में उत्तर रेलवे में नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन और उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन मान्यता प्राप्त यूनियनें हैं.

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