पलामू: रेलवे का सीआईसी सेक्शन सबसे अधिक कोयला ढुलाई के लिए जाना जाता है. सेंट्रल इंडस्ट्रियल कर के नाम से जाने जाने वाला इस क्षेत्र की रेल लाइन रांची, पलामू, गढ़वा और लातेहार से होकर गुजरती है. कुछ महीने पहले रांची वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की घोषणा हुई थी. पलामू, गढ़वा और लातेहार के लोगों को उम्मीद थी कि वंदे भारत एक्सप्रेस रेलवे के सीआईसी सेक्शन से होकर गुजरेगी और इस इलाके के लोगों को फायदा होगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. रांची वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस चलने की घोषणा हुई लेकिन इसका रूट कोडरमा-गया के रास्ते कर दिया गया.
रेलवे को सबसे अधिक आय देता है यह सेक्शन
रेलवे के हाजीपुर जोन में धनबाद रेल डिवीजन का सीआईसी सेक्शन सबसे अधिक आय देता है. इसी रूट पर सबसे अधिक कोयला की ढुलाई होती है. ट्रेन पर चढ़ने वाले यात्रियों से आय के मामले में धनबाद के बाद डालटनगंज रेलवे स्टेशन सबसे अधिक इनकम देता है. सीआईसी सेक्शन के बरकाकाना से लेकर गढ़वा रोड रेलवे स्टेशन की बीच प्रतिदिन 120 से अधिक माल गाड़ियों का परिचालन होता है. जिसमें 95 प्रतिशत से अधिक कोयला का रैक है. जेएमएम के युवा मोर्चा के पलामू अध्यक्ष नेता सन्नी शुक्ला ने कहा कि झारखंड के खनिज संपदाओं को पलामू के रास्ते भेजा और लूटा जा रहा है. खनिज संपदाओं को लूटने के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस कोई रूट पर नहीं दी गई.
रेल उपभोक्ता को लेकर आवाज उठाने वाले विनोद शर्मा ने बताया कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि पलामू के इलाके की उपेक्षा हुई है. शुरू से रेल सुविधा के मामले में पलामू की उपेक्षा होती रही है. इस इलाके में बेहद ही कम यात्री ट्रेन दिए गए हैं, साथ ही साथ पलामू एक्सप्रेस जैसी ट्रेन के भी वक्त को बदल दिया गया है. आम आदमी पार्टी के राकेश तिवारी ने कहा कि जनप्रतिनिधि ट्रेन दिलवा नहीं पा रहे हैं. पलामू उपेक्षित रहा है और किया जा रहा है. नेताओं के कथनी और करनी के अंतर है.
राजधानी समेत कई एक्सप्रेस ट्रेनों कोच खस्ता हालत में
रेलवे के सीआईसी क्षेत्र में पलामू से राजधानी समेत कई एक्सप्रेस ट्रेन है गुजरती. इस रूट पर 36 ट्रेन है जिसमें से एक दर्जन के करीब ट्रेन साप्ताहिक है. इस रूट पर चलने वाली राजधानी और गरीब रथ जैसी ट्रेन के कोच भी खस्ता हालत में दी गई है. सफर के दौरान उनकी कोच आपस में झटका खाते हैं.