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Fog Safety Device : कोहरे के मौसम में सुरक्षित रेल संचालन के लिए रेलवे प्रशासन मुस्तैद, किए विशेष प्रबंध - TRAIN OPERATIONS

कोहरे के मौसम में सुरक्षित रेल संचालन के लिए रेलवे प्रशासन मुस्तैद. किए विशेष प्रबंध. लोको पायलट को उपलब्ध करवाए फॉग सेफ्टी डिवाइस.

Train Operations in Fog Season
कोहरे के मौसम में सुरक्षित रेल संचालन (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 27, 2024, 5:54 PM IST

जयपुर: सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है. सर्दियों में कोहरा होने से रेलवे यातायात भी प्रभावित रहता है. कोहरा ज्यादा होने की वजह से ट्रेनों के संचालन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे प्रशासन मुस्तैद है. ऐसे में कोहरा होने की संभावना को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने सुरक्षित रेल संचालन के लिए विशेष प्रबंध किए हैं. कोहरे की अधिकता वाले रेलखंडों में चलने वाली सभी रेलसेवाओं के लोको पायलट को फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध करवाए गए हैं.

उत्तर-पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया कि उत्तर भारत में सर्दियों के मौसम में कोहरे की अधिकता के कारण रेल यातायात भी प्रभावित होता है. उत्तर-पश्चिम रेलवे के जयपुर और बीकानेर मंडल के रेलखंड प्रमुखतः कोहरे की अधिकता से प्रभावित रहते हैं. कोहरे की अधिकता वाले रेलखंडों में रेल सेवाओं के सुरक्षित संचालन के लिये रेलवे ने विशेष प्रबंध किए हैं.

कैप्टन शशि किरण, सीपीआरओ (ETV Bharat Jaipur)

संबंधित विभाग इंजीनियरिंग, सिगनल और दूरसंचार, विद्युत, यांत्रिक, परिचालन और संरक्षा विभाग की ओर से किसी भी प्रकार की परिस्थिति में संरक्षित रेल संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. संरक्षित रेल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उत्तर-पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ ने सभी विभागाध्यक्षों को सर्दियों के मौसम में विशेष सतर्कता के साथ कार्य करने के लिए निर्देशित किया है.

उत्तर-पश्चिम रेलवे पर करीब 900 फॉग सेफ्टी डिवाइस : उत्तर-पश्चिम रेलवे पर कोहरे की अधिकता वाले रेलखण्डों में चलने वाली सभी रेलसेवाओं के लोको पायलट को फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध करवाए गए हैं. उत्तर पश्चिम रेलवे पर करीब 900 फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध है. इन सभी में कोहरे वाले रेलखण्ड की जीपीएस मैपिंग कर दी गई है. इस रेलवे के जयपुर और बीकानेर मण्डल पर कोहरे की अधिकता रहती है. इन मण्डलों पर अधिक संख्या में फॉग सेफ्टी डिवाइस का प्रयोग किया जाता है. फॉग सेफ्टी डिवाइस को इंजन पर लगा दिया जाता है. यह डिवाइस ऑन होने के बाद जीपीएस प्रणाली के माध्यम से उस खण्ड में स्थित सभी सिग्नलों की दूरी के बारे में लोको पायलट को पूर्व में ही अवगत कराता रहता है, जिससे लोको पायलट अपनी गाड़ी की स्पीड को नियंत्रित कर संरक्षा सुनिश्चित करता है.

पढ़ें :कोहरे से बचाव के लिए कोटा रेल मंडल ने लगाई 401 फॉग सेफ्टी डिवाइस

इसके अलावा कोहरे वाले रेलखण्डों में सभी स्तर के कर्मचारियों के लिए सेफ्टी सेमीनार का आयोजन किया जा रहा है. कम तापमान के दौरान रेल या वेल्डिंग फेलियर की पहचान कर उनको रिपेयर किया जा रहा है. फिश प्लेटों का अनुरक्षण, ट्रैक रिन्यूअल जैसे कार्य पूरे किए जा रहे हैं. कोहरे वाले रेलखण्ड के स्टेशनों, समपार फाटकों और पूर्व चिन्हित जगहों पर डेटोनेटर (पटाखे) की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. लोको पायलट को सिगनल और अन्य संकेतकों की दृश्यता ठीक प्रकार से दिखे, इसके लिए संकेतकों पर वापस पेंटिंग और चमकीले साइन बोर्ड, संकेतकों के पास गिट्टियों को चुने से रंगा गया है. इसके अलावा ऐसे रेलखण्ड में पेट्रोलिंग की आवृति को बढ़ाकर रेलपथ की निगरानी को बढ़ाया गया है. कोहरे के मौसम में संरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए रेलकर्मियों के विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था, निरीक्षकों, अधिकारियों की ओर से रेलवे स्टॉफ की सजगता को लगातार चेक किया जा रहा है.

कोहरे की अधिकता वाले रेलखण्डों में गाड़ियां देरी से संचालित हो सकती हैं. इसके साथ ही कुछ रेलसेवाओं को रद्द कर उनकी आवृति को कम किया गया है, ताकि वह संचालित दिनों में समयपालनता को बनाए रख सके. यात्रा शुरू करने से पूर्व रेलवे की अधिकृत वेबसाइट www.indianrail.gov.in या NTES पर अपनी ट्रेन की वर्तमान स्थिति देखकर ही जाए और असुविधा से बचें.

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