गोरखपुर: उत्तर भारत से होते हुए पूर्वोत्तर को जाने वाली ट्रेनों की गति बढ़ाने और पूर्वोत्तर के राज्यों तक समय से पहुंचने के लिए गोरखपुर से वाल्मीकि नगर रेलखंड के दोहरीकरण का कार्य अब तेजी के साथ पूरा हो जाएगा. रेल मंत्रालय ने इस कार्य को पूरा करने के लिये 1121 करोड़ का बजट आवंटित कर दिया है.
पूर्व में इस कार्य के लिए मिट्टी भराई और फेनसिंग का कार्य प्रारंभ हो चुका है, लेकिन अब रेल पटरी बिछाने के लिये धन का आवंटन हो जाने से इस कार्य के जल्द पूरा होने की उम्मीद है. दोहरीकरण का कार्य पांच चरणों में पूरा किया जाएगा. इसके पूरा होने से करीब 96 किलोमीटर का रेल मार्ग दुरुस्त हो जाएगा.
गोरखपुर कैंट (छावनी स्टेशन) से वाल्मीकि नगर रेलखंड देश के उत्तरी भाग को पूर्वोत्तर से जोड़ता है. दोहरीकरण पूरा होने से गाड़ियों की संख्या बढ़ेगी. समय का पालन और परिचालन क्षमता में वृद्धि होगी. यही नहीं पूर्वोत्तर भाग क्षेत्र के लिए कम समय में सामानों की ढुलाई भी आसान हो सकेगी. उत्तर प्रदेश और बिहार से देश के अन्य भागों में आवागमन आसान हो सकेगा.
गोरखपुर कैंट से वाल्मीकि नगर रेलखंड देश के उत्तरी भाग को पूर्वोत्तर से जोड़ता है. दोहरीकरण पूरा होने से गाड़ियों की संख्या बढ़ेगी समय का पालन और परिचालन क्षमता में वृद्धि होगी पूर्वोत्तर की पूर्वोत्तर भाग के क्षेत्र के लिए कम समय में सामानों की धुलाई भी आसान हो सकेगी. उत्तर प्रदेश और बिहार से देश के अन्य भागों में आवागमन आसान हो सकेगा.
गोरखपुर कैंट स्टेशन जहां से वाल्मीकि नगर तक दोहरीकरण का कार्य होगा. इस स्टेशन से प्रतिदिन करीब 150 से 160 ट्रेनों का आवागमन होता है, जिसमें यात्री और मालगाड़ी दोनों ट्रेनें शामिल हैं. बिहार के नरकटियागंज और वाल्मीकि नगर रूट पर जाने के लिए गोरखपुर कैंट स्टेशन से ही छठ ट्रेन भी ओरिजिनेट होने लगी हैं. इस स्टेशन पर पूर्वोत्तर से आने वाली ट्रेनों के ठहराव का रेलवे का जो प्लान है, उसको देखते हुए स्टेशन को सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है. लेकिन छावनी से वाल्मीकि नगर 96 किलोमीटर का रेलखंड जो दोहरीकरण किया जाएगा. उसमें इस दौरान कुल मार्ग पर 9 क्रॉसिंग स्टेशन, तीन हॉल्ट स्टेशन, 10 बड़े और 43 छोटे और एक महत्वपूर्ण पुल को भी बनाया जाएगा. बहुत जल्द इस पर कार्य शुरू हो जाएगा.