रायबरेली: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायबरेली एफटीसी प्रथम विद्या भूषण पाण्डेय ने दहेज हत्या के मामले में महिला के पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामले में महिला के दम तोड़ने से पहले लिए गए बयान और डॉक्टर के स्टेटमेंट को आधार बनाते हुए न्यायालय ने अभियुक्त के खिलाफ फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आजीवन कारावास के साथ 15 हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया है.
कोर्ट के फैसले के बारे में बताते सहायक शासकीय अधिवक्ता दिनेश बहादुर सिंह. (Photo Credit; ETV Bharat) सहायक शासकीय अधिवक्ता दिनेश बहादुर सिंह ने बताया कि वर्ष 2019 में रायबरेली जिले के सरेनी थाना क्षेत्र में महिला 24 वर्षीय मुन्नी देवी को दहेज के लिए ससुराल पक्ष ने जिंदा जला दिया था. उसके कुछ समय बाद उसकी मौत हो गई थी. मरने से पहले मृतक महिला ने बयान दिया था कि दहेज के लिए उसके ससुराल में पति व अन्य लोगों ने मिलकर उसे जिंदा जला दिया था.
महिला के पिता बिंदा प्रसाद की तहरीर पर पति महिपाल और ससुराली विद्यावती, मेड़ई, अनीता के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके विवेचना शुरू की थी. पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की, फिर दीवानी न्यायालय में 5 साल तक मुकदमा चला. मुकदमे में आज फैसला आया है. महिला के पति महिपाल को न्यायधीश ने दोषी माना है और उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
मामले में शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि गवाही के दौरान साक्ष्य में महिला के पिता बिन्दा प्रसाद, भाई सूर्यपाल और मां सुख देई अपने-अपने बयानों से पलट गए थे. कड़ी पैरवी और महिला के बयान एवं अभियोजन साक्ष्यों व बयानों को आधार बनाते हुए कोर्ट ने फैसला सुनाया है.
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