Radha Ashtami 2024: कन्हैया और गोपियों के अनोखे रिश्ते से जुड़ी कई कहानियां सुनने मिलती हैं. कन्हैया और गोपियों का अद्भुत प्रेम अपने आप में निराला था. इसी प्रेम को दर्शाता हुआ ऐतिहासिक मंदिर शहर में स्थित है. शहर की पहचान कहा जाने वाले लाखा बंजारा झील के गणेश घाट पर श्री राधा कृष्ण का मंदिर है. मंदिर की खासियत ये है कि कन्हैया सिर्फ गोपियों की मनोकामना सुनते हैं और पूरी करते हैं. यहां सिर्फ महिलाएं ही भगवान कृष्ण से अर्जी लगा सकती हैं. अर्जी लगाने का तरीका भी जरा हटके है.
महिलाओं को गोपी बन कन्हैया को चिट्ठी लिखनी होती है. जिसमें वो अपनी मनोकामना लिखती हैं और नीचे आपकी गोपी लिखना होता है. ये चिट्ठी कन्हैया के हाथ में पकड़ा दी जाती है और अगर चिट्ठी गिर जाती है, तो माना जाता है कि कन्हैया ने गोपी की लिखी चिट्ठी को पढ़ लिया है और फिर गोपी की मनोकामना पूरी हो जाती है.
झील के गणेश घाट पर ऐतिहासिक मंदिर
लाखा बंजारा झील के गणेश घाट पर स्थित ऐतिहासिक राधा कृष्ण मंदिर के प्रति स्थानीय लोगों की गहरी आस्था है. यहां स्थापित भगवान कृष्ण की प्रतिमा वृंदावन के मंदिर से मेल खाती है. मंदिर के व्यवस्थापक गोविंद राव आठले बताते हैं कि 'ये मंदिर सन 1655 में बनवाया गया था. इसमें मथुरा वृंदावन की तरह की प्रतिमा स्थापित की गई थी. मंदिर में पहले भगवान कृष्ण की प्रतिमा अकेली थी. कहते हैं कि अकेले कृष्ण की मूर्ति के चेहरे में उदासी नजर आती थी. मंदिर के जब शंकराचार्य ने दर्शन किए, तो उन्होंने सलाह दी कि राधा जी की मूर्ति भी स्थापित की जाए.
इसके बाद राधा जी की मूर्ति स्थापित की गई, लेकिन आसन ना होने के कारण राधा जी कृष्ण से कुछ पीछे खड़ी हुई हैं. कहते हैं कि राधा जी की प्रतिमा स्थापित होने के बाद श्री कृष्ण की प्रतिमा पर छायी उदासी गायब हो गयी.'