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लहसुन के बाद अब दाल के दाम में महंगाई की मार, जानिए क्यों बढ़ रहे हैं दाम - dal prices pinch consumers

Toor Dal Price Hike: अभी हाल ही में लहसुन के दाम ने लोगों के किचन का बजट बिगाड़ दिया था और अब दाल के दाम में महंगाई की मार देखने के मिल रही है. इन दिनों दाल के रेट लगातार बढ़ रहे हैं...

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 26, 2024, 7:49 PM IST

Updated : Feb 26, 2024, 8:00 PM IST

Pulses Price Hike
पिछले दिनों लहसुन के दाम में महंगाई की मार देखने को मिल रही थी. लहसुन के दाम कुछ इस कदर बढ़ रहे थे कि लोगों ने किचन में लहसुन को नो एंट्री दे थी. अब इन दिनों दाल के दाम में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से अब एक बार फिर से लोगों का हाल बेहाल है. अब एक बार फिर से दाल ने लोगों के किचन का बजट बिगाड़ दिया है....

पहले जानिए दाल के दाम

अपने घर के लिए महीने भर का किराना सामान खरीदने जा रहे प्रकाश द्विवेदी और उनकी पत्नी कहती हैं कि "इन दिनों तो महंगाई की मार हर तरफ देखने को मिल रही है. अभी कुछ दिन पहले लहसुन के दाम कुछ इस कदर बढ़े थे कि उनका बजट बिगड़ रहा था और अब दाल के दाम में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है." प्रकाश द्विवेदी कहते हैं कि "घर के सभी सदस्यों की सेहत के लिए दाल का सेवन जरूरी है, क्योंकि हर दिन की डाइट में प्रोटीन का एकमात्र सहारा दाल ही है, तो दाल तो खाना ही पड़ेगा, लेकिन इस कदर से दाम बढ़ेंगे तो बजट भी तो बिगड़ेगा."

अरहर दाल 150 से 160 रुपए प्रति किलो

अरहर दाल के दाम में हर दिन हो रही बढ़ोत्तरी

दाल व्यापारी सेंटी गुप्ता और अभिषेक गुप्ता बताते हैं की दाल के दाम में इन दिनों बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. खास कर अरहर दाल के दाम में हर दिन कुछ रुपए की बढ़ोतरी हो रही है. दाल व्यापारी अभिषेक गुप्ता बताते हैं कि अरहर दाल खुले बाजार में वर्तमान में 150 से 160 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रही है. मूंग दाल डेढ़ सौ रुपए प्रति किलो की दर से बिक रही है, मसूर दाल 100 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है, उड़द दाल 120 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है, जबकि चने की दाल 80 प्रति किलो है.

क्यों बढ़ रहे दाल के दाम ?

आखिर दाल के दाम क्यों बढ़ रहे हैं, इसे जानने के लिए बहुत कुछ समझना होगा. हमने कुछ दाल व्यापारियों से बात की तो दाल व्यापारियों का कहना है कि पहली वजह तो पैदावार में कमी हो रही है, जितनी डिमांड है उतनी पैदावार नहीं हो रही है, जिसकी वजह से दाल के दाम में बढ़ोतरी हो रही है. मार्केट में इतना दाल अवेलेबल नहीं हो पा रही है इसलिए महंगाई बढ़ रही है. दूसरा किसानों का प्रोटेस्ट भी वजह है, क्योंकि कई व्यापारी इस वजह से दाल के स्टॉक को रोक दिए हैं कि प्रोटेस्ट चल रहा है जिसकी वजह से दाम और बढ़ सकते हैं, तो व्यापारियों को फायदा हो सकता है.

हमेशा क्यों बढ़ने लगते हैं दाल के दाम ?

हमने कुछ एक्सपर्ट से बात की तो उनका कहना है- "दाल के दाम बढ़ने घटने के बारे में जानने के लिए जरूरी है की मांग और आपूर्ति को भी समझना चाहिए. दुनिया में जितनी दाल का उत्पादन होता है उसमें भारत 25 फ़ीसदी दाल का उत्पादन खुद करता है, लेकिन इसके बाद भी भारत दाल का बड़ा आयातक भी है, क्योंकि दुनिया के कुल दाल उत्पादन की 28% दालों की खपत भारत में ही है." दलहन फसलों की बात करें तो मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, बिहार, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, झारखंड और तमिलनाडु यह भारत के वो राज्य हैं जो दाल के उत्पादक हैं और यहां दाल का अच्छा उत्पादन भी होता है.

दालों के लगातार बढ़ रहे दाम

भारत में शाकाहारी लोगों का भी एक बड़ा वर्ग है और उनके लिए प्रोटीन की आपूर्ति दाल से ही होती है. दाल खाने में हर दिन शामिल होने वाली डाइट है. रोटी, चावल के साथ ज्यादातर लोग दाल का सेवन करना पसंद करते हैं, क्योंकि वो भी जानते हैं कि प्रोटीन अगर शरीर में चाहिए, तो दाल का सेवन करना पड़ेगा.

उत्पादन क्यों नहीं बढ़ रहा ?

भारत कृषि प्रधान देश है उसके बाद भी जितनी जरूरत उतनी दाल का भी उत्पादन हम क्यों नहीं कर पा रहे ? अगर दाल का उत्पादन जरूरत के बराबर नहीं हो रहा है तो उसकी वजह ये भी है कि ज्यादा किसान इसकी खेती में दिलचस्पी भी नहीं ले रहे हैं. दाल का रकबा उतना नहीं बढ़ पा रहा है जितना होना चाहिए और यही वजह है की दाल का उत्पादन भी उतना नहीं होता है.

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इसकी खेती के लिए सरकार की ओर से भी अच्छा सपोर्ट नहीं मिल रहा है. किसान को उतने अच्छे दाम भी नहीं मिल पा रहे हैं जिससे वो इसकी खेती की ओर आकर्षित हो सके. कई राज्यों में तो आवारा पशुओं की वजह से कई किसान दलहन की फसलों की खेती भी छोड़ चुके हैं. आज का किसान भी स्मार्ट हो गया है जिस फसल में उसको ज्यादा मुनाफा होता है, वो खेती भी उन फसलों की ही करता है.

Last Updated : Feb 26, 2024, 8:00 PM IST

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