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20 मई को खुलेंगे भगवान मदमहेश्वर धाम के कपाट, ओंकारेश्वर मंदिर से शुरू हुई प्रक्रिया - Madmaheshwar Kapat

Madmaheshwar Kapat भगवान मद्महेश्वर के कपाट खोलने की प्रक्रिया ओंकारेश्वर मंदिर से शुरू हो चुकी है. 20 मई को कपाट खोले जाएंगे. केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग ने कपाट खोलने की प्रक्रिया की पूजा-अर्चना संपन्न की.

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20 मई को खुलेंगे मदमहेश्वर धाम के कपाट (PHOTO- ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 16, 2024, 7:23 PM IST

20 मई को खुलेंगे भगवान मदमहेश्वर धाम के कपाट (ईटीवी भारत.)

रुद्रप्रयाग:पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विधिवत रूप से शुरू हो गई है. गुरूवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह मूर्तियों को वेद ऋचाओं के साथ ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भगृह से सभा मंडल लाया गया और स्थानीय श्रद्धालुओं ने भगवान मदमहेश्वर को नए अनाज का भोग अर्पित कर विश्व शांति और समृद्धि की कामना की.

गुरुवार और शुक्रवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ओकारेश्वर मंदिर में ही रात्रि प्रवास करेगी. 18 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से रवाना होकर रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी. 19 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मंदिर रांसी से प्रस्थान कर अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गांव पहुंचेगी. 20 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गांव से प्रस्थान कर मदमहेश्वर धाम पहुंचेगी. डोली के धाम पहुंचने पर भगवान मदमहेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे.

द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट 20 मई को शुभ मुहुर्त सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर दर्शनार्थ खुल जाएंगे. बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय के निर्देश पर मदमहेश्वर मंदिर के कपाट खुलने की तैयारियों पूरी की जा रही हैं. मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने देवडोली यात्रा को लेकर आदेश जारी किए हैं. ताकि देव डोली यात्रा का संचालन समुचित ढंग से हो सके. कपाट खुलने की प्रक्रिया के अंतर्गत ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में केदारनाथ धाम के रावल 1008 भीमाशंकर लिंग ने पूजा-अर्चना संपन्न की.

हवन यज्ञ पश्चात उन्होंने मदमहेश्वर की विग्रह डोली को सभा मंडप में विराजमान किया. स्थानीय डंगवाड़ी गांव के लोगों और श्रद्धालुओं ने मदमहेश्वर को छावड़ी अर्थात नए अनाज का भोग चढ़ाया और न्याय के देवता मदमहेश्वर की देवडोली पर फूलों की वर्षा की. अपने संदेश में बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने सभी श्रद्धालुओं को शुकामनाएं दी हैं.

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