रायपुर: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के बाद 10 नगर निगम पर भाजपा का कब्जा हो गया है. भाजपा जब विपक्ष में थी तब जिन बुनियादी सुविधाओं का अभाव को लेकर हमलावर रहती थी और जिन सवालों को भाजपा ने उठाया था अब उन्हीं सवालों का जवाब भाजपा को देना है. छत्तीसगढ़ में 10 नगर निकाय के लिए चुनाव हुए थे और इन सभी 10 नगर निगम पर कांग्रेस का कब्जा था. कांग्रेस को हराकर भारतीय जनता पार्टी ने कब्जा जमाया है. विपक्ष में रहते भाजपा जिन सवालों को उठती रही है उन्हीं सवालों से उसे रूबरू होना पड़ेगा. 10 नगर निगम में भाजपा जिन सवालों को उठाती रही है उनके बड़े मुद्दे क्या रहे हैं ,और इन्हीं पर भाजपा के मेयर को ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी भी और जवाबदेही भी उठानी पड़ेगी. 10 नगर निगम के 50 बड़े मुद्दे जो भाजपा के थे आज उसका जवाब भाजपा को देना है.
नगर निगम रायपुर: रायपुर नगर निगम पर भाजपा का कब्जा हो गया है. इससे पहले कांग्रेस के मेयर एजाज ढेबर ने अपने दावों में कहा था कि उन्होंने रायपुर को पिछले 5 सालों में सुधारने का काम किया है. कांग्रेस के मेयर को लेकर बीजेपी लगातार मुखर रही थी और कई सवाल उठाती रही. जिसका जवाब अब बीजेपी के मेयर को देना होगा. रायपुर नगर निगम क्षेत्र से जुड़े मुद्दे जिसे दूर करने की जिम्मेदारी अब बीजेपी के मेयर पर होगी.
- तात्यापारा की सड़क पर बढ़ती भीड़ और ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है. जिसका चौड़ीकरण का काम जल्द से जल्द करना होगा. इस मामले को लेकर भाजपा लगातार कांग्रेस पर मुखर रही थी.
- रायपुर नगर निगम की दूसरी बड़ी समस्या की बात किया जाए तो साइंस कॉलेज से चौपाटी हटाने के लिए भाजपा ने प्रदर्शन किया था. इस बीच नगर निकाय चुनाव आ गया जिसके कारण यह मामला हट गया. साइंस कॉलेज चौपाटी हटाने के लिए कांग्रेस पर जिस तरीके से भाजपा हमलावर रही है. अब उसके लिए क्या निर्णय भाजपा की मेयर लेती है इस पर नजर रहेगी.
- तीसरे बड़े मुद्दे की बात किया जाए तो ऐतिहासिक तालाबों की स्थिति बिगड़ती जा रही है, अतिक्रमण और गंदगी एक बड़ी परेशानी है. रायपुर की कभी सुंदरता इन तालाबों से थी. इस पर अतिक्रमण है यह भी एक बड़ी परेशानी है. जिस पर भाजपा का निर्णय क्या होता है यह भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इस मुद्दे को भी भाजपा लगातार उठाती रही है.
- गर्मी में पीने के पानी की समस्या बारिश में जलभराव और शहर की खुली नालियां साथ ही मच्छरों की चुनौती. लगातार नगर निगम में उठने वाले मुद्दों में भाजपा के लिए मुद्दे हुआ करते थे. अब उन्हीं सवालों का जवाब भाजपा को देना है देखने वाली बात होगी कि भाजपा इसे कितनी जल्द समाधान में ले आती है.
- रायपुर में यातायात व्यवस्था बड़ी समस्या बन गई है. पार्किंग की सुविधा और व्यवस्थित बाजार नहीं होने से अक्सर जाम की स्थिति बनती है. यह भी बीजेपी मेयर के लिए बड़ी चुनौती होगी इसको लेकर के भाजपा कांग्रेस पर हमलावर रहती थी. अब देखना होगा कि इसका क्या निदान भाजपा निकलती है.?
हमारी पूरी प्राथमिकता होगी की जनता की जो भी समस्या है उसका हम निदान करें और जो वादे हम लोगों ने किए हैं वह हर हाल में हम पूरा करेंगे.-मीनल चौबे, मेयर, रायपुर नगर निगम
नगर निगम राजनांदगांव: राजनांदगांव नगर निगम पर भी भाजपा ने कब्जा जमाया है. ये बड़े मुद्दे बीजेपी के मेयर के सामने है.
- लक्ष्य के मुताबिक राजस्व नहीं मिल रहा है. वेतन सहित अन्य खर्चों के लिए शासन पर निर्भरता रहती है. ऐसे में इसका सवाल लगातार भाजपा उठाती रही है अब बीजेपी को इसे देखना होगा.
- दूसरी बड़ी परेशानी की बात किया जाए तो ज्यादातर वार्डों में सफाई ठेके पर दिए जाने के बाद स्वच्छता रैंकिंग में गिरावट आई है. इसे सुधारना बड़ी चुनौती है. हर महीने लाखों खर्च करने के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है.
- निगम के गार्डन खस्ता हाल है. चौपाटी के बोट खराब है. टॉय ट्रेन नहीं चल रही है. ऐसे में भाजपा जिन मुद्दों को कभी उठाती रही है अब उसका जवाब भाजपा को देना होगा.
- नगर निगम के आउटर क्षेत्र की बात करें तो वहां की सड़क खराब हैं. बीजेपी का यह सवाल था और अब भाजपा को इसके लिए उत्तरदायी बनना होगा क्योंकि इन्हीं मुद्दों को भाजपा लगातार उठाती रही है.
- कांग्रेस के कार्यकाल में गड़बड़ियों की नए सिरे से जांच होगी. यह भी बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती है. जनता के लिए मूलभूत सुविधाओं का विस्तार करना बड़ा मुद्दा है.
- राजनांदगांव के मेयर मधुसूदन यादव के लिए निश्चित तौर पर यह चुनौतियां बड़ी हैं, क्योंकि विपक्ष में रहते इन्हीं बड़ी चुनौतियों को इन लोगों ने कांग्रेस के सामने रखा था.
नगर निगम बिलासपुर:बिलासपुर नगर निगम में बहुत सारी अधूरी योजनाएं हैं. जिनको लेकर बीजेपी लगातार हमलावर रही है. बिलासपुर नगर निगम की बड़ी परेशानियों की बात की जाए तो पेयजल और सफाई शहर की बड़ी परेशानी है. जिन मुद्दों को बीजेपी उठाती रही है.
- बिलासपुर के लिए 2017 में 301 करोड़ की अमृत मिशन योजना शुरू की गई थी. जिसमें हर गर्मी में 70 वार्डों में पेयजल संकट को दूर करना था, लेकिन इस योजना का कोई लाभ नहीं मिला. इस पर तेजी से काम करना होगा.
- अरपा नदी में आज भी 70 नालों का गंदा पानी गिर रहा है. हाई कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही है. लगातार इस पर विरोध भी होते रहे हैं. इसको रोकना और नदी में गंदे नालों का पानी न जाए इस पर काम करना बड़ी चुनौती होगी.
- साल 2014-15 में शहर के 12 रोड पर 39 सिटी बसें चलती थी. आज उनकी संख्या 5 से 7 हो गई है. परिवहन व्यवस्था को सुधारना एक बड़ी चुनौती है इस पर भी काम करना होगा.
- बिलासपुर में सार्वजनिक शौचालय की कमी है. महिलाओं के लिए केवल दो से तीन पिंक टॉयलेट है .जिस पर ज्यादा काम करने की जरूरत है.
- शहर में जाम एक बड़ी परेशानी है. स्ट्रीट वेंडर्स के कारण जाम लगता है. जिनके लिए उचित स्थान का चयन करना और ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारना नए मेयर के लिए बड़ी चुनौती होगी या यूं कहा जाए कि नगर निगम बिलासपुर के लिए बड़ा टास्क भी है.
शहर को व्यवस्थित करना हमारी पहली प्राथमिकता में है और इसे हम हर हाल में करेंगे.-पूजा विधानी, मेयर, बिलासपुर
नगर निगम धमतरी: धमतरी नगर निगम में भाजपा के मेयर के लिए कई बड़ी चुनौतियां हैं. धमतरी नगर निगम का मेयर चुने जाने के बाद जगदीश रामू रोहरा ने ईटीवी भारत से खास बात करते हुए कहा कि जनता के मुद्दों पर काम नहीं हुआ. जिसके चलते कांग्रेस को यहां से जाना पड़ा. जनता की जो परेशानी है उसको लेकर के काम किया जाएगा. जन सहयोग से स्वच्छता रैंकिंग में सुधार का काम करेंगे. शहर में लगने वाले जाम और दूसरे व्यवस्थाओं को भी हम सुधरेंगे. 5 साल के लिए हमने अपनी कार्य योजना तैयार की है जिसके आधार पर हम काम करेंगे. जनता से जो वादा किए हैं उसे भी पूरा करेंगे हालांकि उसके बाद भी धमतरी नगर निगम के सामने जो बड़ी समस्याएं हैं. उनमें ये समस्याएं बड़ी है.
- शहर में पार्किंग व्यवस्था का विस्तार करना होगा
- नगर निगम में होने वाले काम में भ्रष्टाचार का आरोप लगातार लगता है. इसे लेकर बीजेपी सवाल उठाती रही है. इसकी निष्पक्ष जांच भी नए मेयर के लिए बड़ी चुनौती है.
- शहर में ऑडिटोरियम के लिए लगातार मांग होती रही है इस पर भी काम करना होगा.
- शहर को सुंदर व स्वच्छ बनाने की दिशा में रणनीति बनानी होगी क्योंकि अभी भी शहर में गंदगी को लेकर के ही भाजपा सवाल उठाती रही है और अब जवाब भाजपा को देना होगा.
- धमतरी के सभी वार्डों में गर्मी के समय में पानी की किल्लत हो जाती है जिसे दूर करने के लिए काम करना होगा. शहर में 24 घंटे पेयजल की योजना तैयार करनी होगी ताकि लोगों को परेशानी ना हो.
नगर निगम चिरमिरी: चिरमिरी नगर निगम के लिए पेयजल की समस्या, हर घर में पाइपलाइन के जरिए पानी की आपूर्ति करने का काम को तेजी से करना होगा. इसे लेकर भाजपा लगातार सवाल उठती रही थी अब इसे पूरा करने की जिम्मेदारी बीजेपी की है.
- वार्ड क्रमांक 1 से 8 तक गांव से भी बदतर हालत में है. यहां पर सड़क, बिजली ,पानी की बुनियादी सुविधाएं नहीं है. इसे प्राथमिकता के आधार पर काम करके ठीक करना होगा.
- स्थानीय स्तर पर उद्योग और कारखाना खोलने की दिशा में प्रयास करने होंगे. क्योंकि चिरमिरी से युवाओं का पलायन ज्यादा होता है. इसे रोकने के लिए भाजपा राजधानी से लेकर गांव तक प्रचार करती रहती है ऐसे में इस दिशा में भाजपा को तेजी से काम करना होगा.
- चिरमिरी में आधा दर्जन से ज्यादा पुरानी कोयले की खदानें लंबे समय से बंद है. इसे शुरू करवाने का काम करना होगा. इस मुद्दे को भी भाजपा उठाती रही है. हालांकि इस मुद्दे का समाधान होगा इस पर बड़ा सवाल है.
- साफ सफाई और शहर को कचरा मुक्त करना भी बड़ी चुनौती है.
जो काम चिरमिरी के लिए हम लोगों ने कहा है उसे हर हाल में पूरा करेंगे- रामनरेश राय, महापौर, चिरमिरी नगर निगम
नगर निगम दुर्ग:दुर्ग नगर निगम छत्तीसगढ़ के लिए एक मॉडल भी कहा जा सकता है. क्योंकि दुर्ग को छत्तीसगढ़ की आर्थिक राजधानी भी माना जाता है. दुर्ग के महापौर चुने जाने पर अलका बाघमार ने यह कहा है कि मूलभूत समस्याओं का निराकरण के साथ ही भाजपा ने अपने घोषणा में जिन बातों को कहा है उसे पूरा करना हमारी प्राथमिकता होगी. जो भी विषय हमने जनता के बीच रखे हैं उसे हर हाल में प्रासंगिकता और पूरे गंभीरता के साथ पूरा किया जाएगा. उसके बाद भी दुर्ग नगर निगम के पास कोई ऐसी बड़ी समस्याएं हैं जो बीजेपी को प्राथमिकता के आधार पर रखकर पूरा करना होगी, तो उसमें ये मुद्दे शामिल है.
- दुर्ग नगर निगम में भ्रष्टाचार का आरोप लगातार लगता रहा है. विकास कार्यों की दर्जनों फाइल का कोई पता नहीं है. इसके लिए निष्पक्षता से जांच हो इसका काम बीजेपी को करना होगा. जांच भी निष्पक्ष हो यह भी बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है.
- पिछले 25 सालों से दुर्ग शहर को धूल से मुक्त करने की दिशा में काम किया जा रहा है. सफाई के लिए कई योजनाएं लाई तो जरूर गई, लेकिन वह फेल हो गई. शहर में धूल को कम करने का प्रयास जरूर हुआ लेकिन शहर से गंदगी काम नहीं हो पाई. इसके लिए बीजेपी को काम करना होगा और मजबूत रणनीति बनानी होगी.
- दुर्ग शहर में पेयजल की परेशानी है. 153 करोड़ की अमृत मिशन योजना का लाभ जनता को मिले इसके लिए भी नए मेयर को प्राथमिकता के आधार पर काम करना होगा.
- हाट बाजार का विस्तार नहीं हुआ, बड़े बाजार सकरी गलियों में बदल गए हैं. इस पर भी काम करने की जरूरत है. पार्किंग की सुविधा का अभाव है जिसका विस्तार शहर में करना होगा
- शिवनाथ नदी से दुर्ग एवं भिलाई की प्यास बुझाई जाती है. लेकिन सीवरेज का पानी नदी में डायरेक्ट गिर रहा है. इसके बचाव के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है. शिवनाथ नदी में लगातार सीवरेज का पानी गिरने की परेशानी को ईटीवी भारत ने बताया भी है. इस मुद्दे पर कई बार निर्देश भी जारी हुए हैं लेकिन काम पूरा नहीं हो पाया. बीजेपी के लिए यह बड़ी चुनौती होगी कि शिवनाथ नदी में गिरने वाला शहर के सीवरेज के पानी को रोका जाए और उसके लिए कोई नई रणनीति तैयार की जाए.
नगर निगम अंबिकापुर: अंबिकापुर नगर निगम में कई ऐसी बड़ी परेशानी है जिनका निदान नए मेयर को करना होगा. मंजूषा भगत को अंबिकापुर महापौर की जिम्मेदारी मिली है. लेकिन चुनौतियां भी बड़ी है.
- 100 करोड़ की लागत से अमृत मिशन के तहत वार्डों में हुए कार्य में गड़बड़ी हुई है. कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाया था. अब गंभीरता से कार्य होना चाहिए इस पर मेयर को कम करना होगा जो बड़ी चुनौती है.
- वार्डों की खराब सड़कों का मामला सालों तक लगातार अंबिकापुर नगर निगम में घुसता रहा है. अब इस पर त्वरित काम करने की जरूरत है. क्योंकि जनता ने खराब सड़कों के मुद्दे पर बीजेपी को वोट दिया है.
- अंबिकापुर शहर में ट्रैफिक का दबाव बढ़ता जा रहा है और पार्किंग की सुविधा नहीं होने पर लोगों को परेशानी होती है. पार्किंग स्थलों का निर्धारण और ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना करना, नए मेयर के लिए बड़ी चुनौती है.
- अंबिकापुर नगर निगम में कर्मचारी और अधिकारियों की कार्य प्रणाली बड़ी सुस्त है.लापरवाह कार्यशैली से जनता को काफी परेशानी होती है. उसमें भी जल्द सुधार की जरूरत है.
- नगर निगम में पिछले चुनाव में संपत्ति और समिति करों को आधा करने का वादा कांग्रेस ने किया था. लेकिन गद्दी पर बैठने के बाद इस मुद्दे से कांग्रेस किनारा कर गई. अब अंबिकापुर नगर निगम की नई सरकार से लोगों को राहत की उम्मीद है. इस पर भी नए मेयर को तेजी से काम करना होगा.
नगर निगम रायगढ़ की समस्याएं और मुद्दे
संजय कंपलेक्स, नाली और पेयजल की समस्या बनी हुई है जो मूलभूत सुविधाओं में है. इनमें तत्काल सुधार करने की जरूरत है.
शहर में यातायात की परेशानी और लगातार दबाव बढ़ रहा है. जिसको लेकर पार्किंग की व्यवस्था समुचित तरीके की नहीं है, पार्किंग व्यवस्था भी करनी होगी.
नाली और ड्रेनेज सिस्टम का सही से मैनेजमेंट नहीं होने के कारण बारिश के दिनों में सड़के तालाब बन जाती हैं. ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण करना होगा ताकि चीज व्यवस्थित हो सके.
वर्ष 2009 से रिंग रोड के लिए प्रस्ताव बनता आया है लेकिन रिंग रोड धरातल पर नहीं उतर पाया. जिसके कारण सभी बड़े वाहन शहर के बीच से होकर गुजरते हैं. हादसों के साथ अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है इस पर भी नगर सरकार को तेजी से काम करना होगा.