जयपुर में स्कूली छात्रों को दिया गया 'स्वच्छता' का होमवर्क. जयपुर.स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के तहत रिड्यूस, रीयूज, रीसायकल और सोर्स सेग्रीगेशन से स्कूली छात्रों को जोड़ने के लिए स्वच्छता का होमवर्क दिया गया. इसके तहत पेपर बैग निर्माण, अनुपयोगी वस्तुओं को इकट्ठा कर उन्हें रीयूज करने, प्लास्टिक कचरे से ब्रिक्स बनाने, कंपोस्टिंग जैसी गतिविधियों से जोड़ते हुए छात्रों के जरिए उनके परिवार तक स्वच्छता का मैसेज पहुंचाने की पहल की गई.
बच्चों को दी गई ये एक्टिविटी :स्वास्थ्य उपयुक्त नवीन भारद्वाज ने बताया कि बच्चे खाली स्लेट की तरह होते हैं. उनका व्यवहार परिवर्तन समझाइश के साथ किया जा सकता है. इसे ध्यान में रखते हुए बच्चों को स्वच्छता का होमवर्क दिया है, जिसके तहत सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में सात-आठ तरह की एक्टिविटी दी गई है. इनमें किसी वेस्ट वस्तु से रचनात्मक चीज बनाना, रिड्यूस रिसाइकल और रीयूज को लेकर कोई पेंटिंग बनाना, जिंगल बनाना, नारे लिखने जैसी एक्टिविटी बच्चों को कराई गई है. इससे बच्चों में स्वच्छता के प्रति जागृति आएगी और उनके माध्यम से यही जागृति उनके घरों और परिजनों तक पहुंचेगी.
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स्वच्छता के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनेंगे:उन्होंने बताया कि फिलहाल सोमवार को स्वच्छता का होमवर्क प्रतियोगिता कराई गई है. इसके अलावा बच्चों से जिंगल और स्वच्छता की टैगलाइन लिखवाने का प्रोग्राम ऑनलाइन चल रहा है. जल्द क्षेत्र के सभी स्कूलों में स्वच्छता की प्रतियोगिता आयोजित कराई जाएगी. स्वच्छता 25% एक्ट और 75% व्यवहार में बदलाव का विषय है. यदि बच्चों को व्यावहारिक परिवर्तन का पाठ बालपन में ही पढ़ा दिया जाए तो बच्चे स्वच्छता के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनेंगे. समय-समय पर बच्चों को स्वच्छता का होमवर्क दिया जाएगा, ताकि स्वच्छता के प्रति उनकी रुचि जागृत हों. फिर कोशिश की जाएगी कि बच्चों के सिलेबस में स्वच्छता को आवश्यक रूप से रखा जाए. इस संबंध में शिक्षा विभाग से भी बातचीत की जा रही है.
आपको बता दें कि सभी गतिविधियों का निगम की ओर से विश्लेषण कर स्कूल को पुरुस्कृत किया जाएगा. साथ ही बच्चों की ओर से बनाए गए वेस्ट टू वंडर आकृतियों की प्रदर्शनी लगवाई जाएगी, जिसमें बच्चों को पुरस्कृत भी किया जाएगा. ये गतिविधियां न केवल छात्रों में बल्कि उनके परिवारों में भी स्वच्छता के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करेंगी. इस तरह 'स्वच्छता का होमवर्क' न केवल स्कूलों बल्कि पूरे समुदाय में स्वच्छता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.
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स्वच्छता होमवर्क में ये गतिविधियां :
- पेपर बैग निर्माण : घर पर पेपर बैग बनाएं और उसका उपयोग खरीदारी में करें. इससे प्लास्टिक के उपयोग में कमी आएगी.
- 3 आर (रिड्यूस, रीयूज, रीसायकल) कार्नर : घर में अनुपयोगी वस्तुओं को इकट्ठा कर स्कूल में जमा कराएं. यहां इनका पुनर्चक्रण या पुनः उपयोग किया जा सके.
- इको-ब्रिक्स का निर्माण : घर पर प्लास्टिक कचरे से इको-ब्रिक्स बनाएं और उनका उपयोग स्कूल की सुंदरता बढ़ाने में करें. (प्लास्टिक बोटल में घर से निकलने वाले रैपर को अच्छे से दबा दबा कर भरने से इको ब्रिक्स बना सकते हैं).
- कंपोस्टिंगःघर पर जैविक कचरे से कंपोस्ट बनाएं और इस प्रक्रिया को सोशल मीडिया पर साझा करें, ताकि अन्य लोग भी इससे प्रेरित हों.
- सफलता की कहानियां :अपने आस-पड़ोस से कचरा प्रबंधन की सफलता की कहानियां इकट्ठा करें और उन्हें स्कूल में साझा करें.
- स्वच्छता अभियान : महीने में एक बार, अपने स्थानीय मित्रों के साथ मिलकर अपने कॉलोनी या मोहल्ले में सफाई अभियान चलाएं.
- पौधरोपण : स्कूल परिसर में अपने स्वर्गीय परिवारजनों के नाम पर पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करें.
- बच्चों से स्कूल में वेस्ट टू वण्डर की आकृतियां बनवाएं.
- प्रत्येक स्कूल में कंपोस्टिंग करना सुनिश्ति हो और बच्चों को इसकी विजिट करवा कर साइट पर ही प्रोसेसिंग समझाते हुए इससे होने वाले फायदे के बारे में बताएं.