कोरिया:जिले में फसल गिरदावरी काम जारी है. कलेक्टर चंदन त्रिपाठी अधिकारियों के साथ फसल गिरदावरी के कार्यों का निरीक्षण कर रही हैं. कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी सोनहत तहसील के ग्राम कछार, बोडार, मधला और विक्रमपुर के खेतों में पहुंची और ऑनलाइन गिरदावरी सत्यापन किया. पटवारी के दर्ज अभिलेखों की मौके पर क्रॉस चैकिंग की.
गिरदावरी के काम में लापरवाही नहीं बरतने का निर्देश:जिले के कुल खसरों में से अधिकांश का रेंडमली सत्यापन कर लिया गया है. खेतों में गिरदावरी की जांच के बाद कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को गिरदावरी काम में विशेष सावधानी व त्रुटिरहित ढंग से पूरा करने के निर्देश दिए.
कोरिया में फसल गिरदावरी (ETV Bharat Chhattisgarh)
भुइयां सॉफ्टवेयर में किसानों की गिरदावरी रिपोर्ट:हर जमीन की गिरदावरी हर साल पटवारी के पास होती है. इस दौरान पटवारी देखता है कि किस किसान ने कौन-कौन सी फसल की बुआई कितने एकड़, हेक्टेयर जमीन में की है. शासन अब गिरदावरी रिपोर्ट को एप या पोर्टल पर दर्ज करने का काम तेजी से कर रहा है. जिले में पटवारियों ने गिरदावरी कर भुइयां सॉफ्टवेयर में अपलोड किया. इसके बाद पटवारी के गिरदावरी कामों के भौतिक सत्यापन के लिए तहसील स्तरीय गिरदावरी सत्यापन दल तैयार कर एप के माध्यम से सत्यापन करने आईडी और पासवर्ड दिया गया है. इसके लिए सभी तहसील स्तर पर बड़ी संख्या में अधिकारियों, कर्मचारियों का दल नियुक्त हैं.
खेतों में कलेक्टर (ETV Bharat Chhattisgarh)
गिरदावरी क्या है और यह क्यों जरुरी है?: किसान द्वारा अपने खेत के कितने रकबे में कौन-कौन सी फसल की बुआई की गई है. यह जानकारी पटवारी की तरफ से शासन के डॉक्यूमेंट में दर्ज करवाई जाती हैं. इसी डॉक्यूमेंट को गिरदावरी कहा जाता है. गिरदावरी एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जिसके अंदर जमीन का पूरा रिकॉर्ड मौजूद होता है जैसे, कितनी जमीन पर खेती की गई है, खेत में कौन सी फसल बोई गई है. सिंचाई कैसे की गयी है, खसरा संख्या की जानकारी शामिल होती है.