प्रयागराज :संगम नगरी प्रयागराज में ऋषि भारद्वाज के आश्रम के बाहर से रावण की शोभायात्रा निकाली गई. इस आयोजन से दशहरा पर्व की शुरुआत की जाती है. इस अनोखे आयोजन को कटरा रामलीला कमेटी कराती है. सालों से यह परंपरा चली आ रही है. विधि-विधान के साथ लंकाधिपति रावण की आरती उतारकर शोभायात्रा की शुरुआत की जाती है. शनिवार को फिर से इस परंपरा का निर्वहन किया गया. इसमें काफी संख्या में लोग शामिल हुए.
कुंम्भ की धरती प्रयागराज में भारद्वाज ऋषि के आश्रम के बाहर से रावण शोभा यात्रा निकालकर दशहरे का श्रीगणेश किया गया. शोभायात्रा निकालने का कारण यह बताया जाता है कि धन के देवता कुबेर ऋषि भारद्वाज के नाती थे. रावण उनका भाई था. इस वजह से भारद्वाज आश्रम के इस इलाके के रहने वाले लोग रावण को यहां का नाती मानते हैं. उसी वजह से कटरा रामलीला कमेटी की तरफ से रावण शोभायात्रा निकाली जाती है. रामलीला कमेटी के राम दशहरे के दिन अपने हाथों से रावण का वध और रावण दहन नहीं करते हैं. वह बगल की रामलीला कमेटी के रावण दहन कार्यक्रम में शामिल होते हैं.
दशहरे की शुरुआत रावण शोभायात्रा के बाद होती है :देश भर में दशहरे की शुरुआत भगवान राम की पूजा और यात्रा के साथ की जाती है लेकिन प्रयागराज के कटरा रामलीला कमेटी की रामलीला की शुरुआत रावण शोभायात्रा के साथ होती है. शनिवार को रावण के साथ ही उसके परिवार के दूसरे सदस्य रथों पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले. इससे पहले रावण का भव्य श्रृंगार करने के बाद विधि विधान के साथ रामलीला कमेटी के पदाधिकारी और दूसरे लोगों आरती उतारी.
इसके बाद ढोल नगाड़े और बैंडबाजे के साथ रावण के अलावा कुंभकर्ण, मेघनाद, सूपर्णखा व अन्य राक्षस रथ पर सवार होकर नगर में निकले. आकर्षक लाइटिंग के बीच महाराजा रावण की शोभायात्रा मायावी सेना के साथ सड़क पर निकली. देखने के लिए सड़कों के किनारे लोगों की भीड़ जुटी रही. इस क्षेत्र के लोग साल भर तक रावण शोभायात्रा निकलने का बेसब्री से इंतजार करते हैं.