प्रयागराज: महाकुंभ की शुरुआत के पहले ही सनातन धर्म के शीर्ष कहे जाने वाले 13 अखाड़ों के साधु संन्यासियों का कुंभ क्षेत्र में आना शुरू हो गया है. नागा संन्यासी यहां अपनी तरह की अजब गजब साधना कर रहे हैं. एक नागा संन्यासी ऐसे भी हैं, एक हाथ उठाकर नागा संन्यासी अनोखी साधना कर रहे हैं. इनका कहना है, कि बांटोगे तो काटोगे. इनका सीधे तौर पर कहना है, कि अगर भगवान नहीं होते तो इनका हाथ ऊपर लगातार कैसे रहता. इन्होंने कहा कि हमारी हथेली में भगवान शिव विराजमान है. इसीलिए इसको नीचे नहीं करता हूं. कोई एक या दो घंटे भी कर कर दिखाएं
ऊर्ध्व बाहु की तपस्या का संकल्प :प्रयागराज महाकुंभ के महाकुंभ नगर में जूना अखाड़े के संतों ने अपनी कुटिया बनाकर धूनी रमाना शुरू कर दिया है. जूना अखाड़ा के नागा संन्यासी महेश गिरी भी अपने अनोखे संकल्प को लेकर साधना कर रहे हैं. नागा संन्यासी एक हठ योगी हैं. उन्होंने ऊर्ध्व बाहु की तपस्या का संकल्प लिया है.
महाकुंभ 2025; सनातन को आगे बढ़ाने के लिए 10 महीने से हाथ उठाए हैं बाबा महेश गिरी - MAHAKUMBH 2025
बंटेंगे तो कटेंगे का संकल्प पूरा करेगी ऊर्ध्व बाहु साधना,लगभग 10 महीना से सनातन का संकल्प लिए हाथ उठाए हैं बाबा.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Dec 17, 2024, 10:22 PM IST
|Updated : Dec 18, 2024, 7:29 AM IST
महेश गिरी की यह साधना इसलिए अनोखी है, क्योंकि इसमें नागा अपना एक हाथ एक ही स्थिति में सर के ऊपर खड़ा रखते हैं. वह अपने हाथ को कभी भी नीचे नहीं करते. उनका कहना है, कि बेहद पीड़ा वाली यह तपस्या है. क्यों कि इस प्रक्रिया में हाथ की नसे सूखने लगती हैं. रात में वह अपने एक हाथ को कपड़े से बांध देते हैं, ताकि हाथ खड़ा रहे.
हाथ को वह बताते शिव रूप :महेश गिरी हठ योग साधक हैं. अपने उठे हुए हाथ को वह शिव रूप बताते हैं. दिन रात वह भगवान शिव का जाप करते हैं. महेश गिरी का संकल्प इसे आजीवन करते रहना है.
सनातन कमजोर पड़ रहा इसलिए की ऐसी साधना:नागा संन्यासी महेश गिरी कहते हैं, कि आज सनातन धर्म कमजोर पड़ रहा है. लोग सनातन से भटक रहे हैं. लोग भगवान पर यकीन नहीं कर रहे हैं. इन्हें सनातन की शक्ति का अनुभव ऐसे साधक ही कराते हैं. महेश गिरी कहते हैं, बंटेंगे तो कटेंगे का विचार सनातन धर्म के लोगों तक पहुंचाने के लिए उनकी यह तपस्या है.
यह भी पढ़ें -प्रयागराज महाकुंभ; ये हैं रुद्राक्ष वाले बाबा, सिर की पगड़ी से लेकर सदरी तक में धारण करते दो लाख रुद्राक्ष, ये है वजह - PRAYAGRAJ MAHA KUMBH 2025