प्रयागराज:26 फरवरी को महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व है. इससे पहले ही प्रयागराज श्रद्धालुओं से भर गया है. रोजाना लाखों लोग पहुंच रहे हैं और प्रतिदिन संगम स्नान का जो औसत है, वह करीब 1.50 करोड़ का है. रविवार को भी भोर से ही संगम क्षेत्र के 12 और पूरे मेले में बनाए गए 24 घाटों पर स्नान शुरू हो गया. सुबह 10 बजे तक ही 51.73 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई है. जबकि महाकुंभ की शुरुआत से अब तक 60.74 करोड़ लोग पुण्य स्नान करने पहुंचे हैं.
महाकुंभ श्रद्धालुओं से खचाखच. (Video Credit; ETV Bharat) महाशिवरात्रि में अभी तीन दिन बाकी है, जो भीड़ लगातार प्रयागराज पहुंच रही है, उसे देखते हुए यह आंकड़ा 67 से 68 करोड़ भी जा सकता है. महाशिवरात्रि पर 3 से 4 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है. वहीं एक अनुमान यह भी है कि लगातार महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मौनी का भी रिकॉर्ड टूट सकता है.
महाकुंभ में पूजन-अर्चन. (Photo Credit; ETV Bharat) दूसरी तरफ प्रयागराज को जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों पर जाम की समस्या लगातार बनी हुई है. हालांकि स्थिति पहले की तरह नहीं है, लेकिन महाकुंभ के समापन की ओर बढ़ने के बावजूद भीड़ लगातार पहले की तरह है. इसमें रोज इजाफा ही देखा जा रहा है. अब भी गंगा में डुबकी लगाने के लिए लोगों को 10 से 15 किमी तक चलना पड़ रहा है. प्रयागराज जंक्शन, प्रयाग, नैनी, छिवकी स्टेशनों पर भीड़ का दबाव ज्यादा है.
महाकुंभ में पूजन-अर्चन. (Photo Credit; ETV Bharat) प्रमुख स्नान पर्वों पर स्नान:महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्वों की शुरुआत 14 जनवरी को मकर संक्रांति से हुई. इस दिन 3.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु महाकुंभ क्षेत्र में पहुंचे. इसके बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर रिकॉर्ड ही बन गया. इस दिन 5 करोड़ 71 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम स्नान किया. दुखदायी यह रहा है कि संगम तट पर उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया और भगदड़ मच गई. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 30 लोगों ने जान गंवा दी. फिर 3 फरवीर को बसंत पंचमी का स्नान सकुशल बीता और इस दिन 2 करोड़ लोगों ने संगम स्नान किया. 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा के दिन भी यह आंकड़ा रहा.
प्रयागराज में फिर उमड़ा रेला:मौनी अमावस्या पर भगदड़ के बाद महाकुंभ में अचानक भीड़ कम हो गई थी. माना जा रहा था कि अंतिम शाही स्नान के बाद श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से घटेगी. लेकिन हुआ इसके उलट. 6 फरवरी से अपार भीड़ महाकुंभ आ रही है. ट्रेनें, बसें, सड़कों पर, हर तरफ श्रद्धालु ही नजर आ रहे हैं. महाकुंभ श्रद्धालुओं पट गया है. प्रयागराज से जुड़ने वाले सभी 7 प्रमुख मार्गों पर हालात अब भी बहुत नहीं बदले हैं.
किन मार्गों पर क्या है स्थिति:महाकुंभ में भीड़ लगातार आ रही है. हर तरफ पैदल और श्रद्धालुओं की गाड़ियां ही नजर आती हैं. शनिवार को दिन चढ़ने के साथ सहसों और झूंसी में जाम की स्थिति बन गई. वहीं सैदाबाद से झूंसी तक के रास्ते पर भी जाम है. अंदावा मार्ग पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगा है. वहीं यमुना पार इलाके में मुंगारी से नैनी तक जाम है. जबकि घूरपुर से इरादातगंज के रास्ते पर भी लोग जाम से जूझ रहे हैं. यहां से आगे दांदुपुर में भी जाम है. इधर, रीवा मार्ग पर नारी-बारी से जरही होते हुए गौहानिया तक जाम लगा है. कौशाम्बी की तरफ पुरामुफ्ती से शहर आने वाले रास्ते पर भी जाम है. सुलेमसराय में वाहन रेंग रहे हैं. मेला क्षेत्र के करीब रामबाग में भी जाम लगा है. जबकि लखनऊ से आने वालों के लिए भी राह आसान नहीं है. फफामऊ से आगे बढ़ने पर तेलियरगंज में भीषण जाम लगा है. प्रतापगढ़ से आने वाला रास्ता भी जाम से जूझ रहा है. इसके अलावा शहर के अंदर बालसन, नैनी की तरफ लेप्रोसी चौराहा, अलोपीबाग फ्लाईओवर, नया यमुना पुल जाम से जूझ रहे हैं. मार्गों पर दस से 15 किमी तक जाम लग जा रहा है. यातायात सुचारू बनाए रखने के लिए 7 अतिरिक्त आईपीएस शासन ने लगाए हैं.
वीकेंड पर ज्यादा उमड़ रही है भीड़:महाकुंभ नगर में वीकेंड पर ज्यादा भीड़ उमड़ रही है. इससे पहले 15 फरवरी को भी ऐसे ही हालात बन गए थे. चाहे वह नैनी का इलाका हो या झूंसी का. संगम से सटे क्षेत्रों में जिधर देखो, उधर ही लाखों लोग नजर आ रहे हैं. 8 और 9 फरवरी को तो प्रयागराज के अंदर और बाहर, दोनों ही तरफ सिर्फ जाम ही जाम नजर आया. वैसी ही भीड़ इस बार शनिवार से मेला क्षेत्र में नजर आ रही है.
प्रयागराज को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग
- प्रयागराज-वाराणसी मार्ग
- प्रयागराज-मिर्जापुर
- लखनऊ-रायबरेली-प्रतापगढ़
- प्रयागराज-जौनपुर
- प्रयागराज-चित्रकूट
- प्रयागराज-रीवा
- प्रयागराज-कौशांबी
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