पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 में मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा छाया हुआ है. दोनों ही प्रमुख गठबंधन के नेता इस पर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा मतदाताओं को यह समझाने का प्रयास कर रही है कि इंडिया गठबंधन जब सत्ता में आएगा तो गरीब हिंदू पिछड़ों का आरक्षण मुसलमानों के बीच बांट देगा. वहीं, इंडिया गठबंधन का कहना है कि भाजपा जब इस बार सत्ता में आएगी तो आरक्षण ही समाप्त कर देगी.
भाजपा को चक्रव्यूह में फंसा लिया थाः इससे पहले भी 2015 के विधानसभा चुनाव में आरक्षण का मुद्दा गरमाया था. मोहन भागवत ने आरक्षण पर एक बयान दिया था, जिस पर लालू प्रसाद यादव ने भाजपा को घेरा. नीताजा भी लालू के पक्ष में आया. भाजपा महज 53 सीटों पर सिमट गयी. 2015 के विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव ने अपना खोया हुआ जनाधार वापस पाया था. मोहन भागवत के एक बयान को लालू प्रसाद यादव ने चुनावी मुद्दा बना लिया और भारतीय जनता पार्टी को चक्रव्यूह में फंसा लिया था.
क्या था मोहन भागवत का बयानः 6 अक्टूबर 2015 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत में देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में आरक्षण पर बयान दिया था. कहा था कि समय आ गया है कि आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए. मोहन भागवत के बयान को लालू प्रसाद यादव ने हथियार के रूप में इस्तेमाल किया. पूरे चुनाव के दौरान यह माहौल बनाने में कामयाब रहे की भाजपा और राष्ट्रीय संघ सेवक संघ आरक्षण खत्म करना चाहती है.
राजद को मिली थी कामयाबीः मोहन भागवत के बयान को लालू प्रसाद यादव ने मुद्दा बनाया था. 15 दिन की रणनीति के बाद 21 सितंबर 2015 को लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट किया था कि 'किसी को हिम्मत है तो आरक्षण खत्म करके दिखाए.' नवादा की एक सभा में लालू प्रसाद यादव ने यहां तक कह दिया था कि 'अगर आरक्षण खत्म होगा, तो मैं फांसी लगा लूंगा.'2015 के विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने 80 सीट पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस को 27 सीटों पर जीत मिली थी, वहीं जनता दल यूनाइटेड को 71 सीटों पर जीत मिली थी.
बयान से पलट गये लालू यादवः बिहार में तीसरे चरण का चुनाव हो रहा था. विधान परिषद में राबड़ी देवी के शपथ ग्रहण समारोह में लालू प्रसाद यादव भी मौजूद थे. यहां पत्रकारों के सवाल के जवाब में लालू प्रसाद यादव ने कहा कि 'मुसलमान को ही आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए.' भाजपा ने लालू यादव के बयान को मुद्दा बनाया. उसके बाद चुनाव संपन्न होते-होते लालू प्रसाद यादव बयान से पलट गए. उन्होंने कहा कि आरक्षण का आधार धर्म नहीं बल्कि सामाजिक पिछड़ापन होता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इतनी भी समझ नहीं है. मंडल कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक अन्य धर्म में भी सैकड़ों जातियों को आरक्षण मिलता है.
उल्टा पड़ रहा है राजद का दांवः राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा चलने लगी कि लालू प्रसाद यादव ने तीसरे चरण में झंझारपुर सुपौल अररिया मधेपुरा और खगड़िया लोकसभा क्षेत्र के अल्पसंख्यक मतदाताओं को साधने के लिए मुस्लिम आरक्षण पर बयान दिया था. लेकिन चुनाव संपन्न होते-होते लालू प्रसाद यादव बयान से पलट गए. बिहार में अभी चार चरण के चुनाव होने हैं. इनमें कई ऐसे सीट ऐसे हैं, जिस पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक होते हैं. लालू प्रसाद यादव मुस्लिम आरक्षण के जरिए वोटों की ध्रुवीकरण चाहते थे, लेकिन उनका दांव उल्टा पड़ता जा रहा है.
लालू पर धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोपः भाजपा ने मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर लालू यादव को ही चक्रव्यूह में फंसा दिया है. पीएम मोदी ने सभाओं में कह रहे हैं कि पिछड़ों-अति पिछड़ों के हक को छीन कर अल्पसंख्यकों को देना चाहते हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि पिछड़ों और अति पिछड़ों के कोटे को काटकर अल्पसंख्यकों को आरक्षण नहीं देना चाहिए. मंडल कमीशन ने पिछड़ों और अति पिछड़ाओं को आरक्षण देने की बात कही थी. लेकिन, लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए मुसलमान को आरक्षण की सूची में डालकर धार्मिक उन्माद फैलाने का काम किया था.