रायपुर : छत्तीसगढ़ का प्रयाग राजिम में कुंभ को लेकर राजनीति चरम पर पहुंच चुकी है. छत्तीसगढ़ की रमन सरकार ने प्रदेश के राजिम में अर्धकुंभ कराने का फैसला लिया था. इसे बीजेपी सरकार ने राजिम कुंभ नाम दिया.बीजेपी सरकार के आयोजन में देश के साधु, संत और महात्मा शामिल होते थे.लेकिन जब प्रदेश में 2018 में कांग्रेस सरकार आई तो राजिम कुंभ का नाम बदलने की तैयारी शुरु हुई.कांग्रेस सरकार ने राजिम कुंभ का नाम बदला और इसे राजिम पुन्नी मेला का नाम दिया.वहीं अब जब कांग्रेस सत्ता से गई तो एक बार फिर राजिम पुन्नी को नया नाम दिया गया.लेकिन बीजेपी ने फिर से राजिम कुंभ कल्प को शुरु किया है.जिसे लेकर अब कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने हैं.
बीजेपी ने नहीं किया पुन्नी मेला बंद :इस बारे में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि छत्तीसगढ़ वासियों की भावनाओं को प्रकट करने का माध्यम राजिम कुंभ है.लेकिन कांग्रेस ने राजिम कुंभ का नाम बदलकर अपनी सरकार की मोहर लगाने के लिए पुन्नी मेला कर दिया. राजिम कुंभ बीजेपी सरकार ने शुरू किया था. इसलिए उसे बंद कर कांग्रेस सरकार ने पुन्नी मेला शुरु किया. हमने किसी के कार्यक्रम को समाप्त नहीं किया.लेकिन पुराने राजिम कुंभ को दोबारा शुरु किया.संजय श्रीवास्तव के मुताबिक धर्म के नाम पर कांग्रेस हमेशा से विरोध की भावना प्रकट करती है. चाहे राम मंदिर निर्माण की बात हो या कोई और बात. हम मन से आस्था के साथ धार्मिक चीजों को सामने लाते हैं.
''कांग्रेस केवल वोट बैंक के आधार पर धर्म को सामने लेकर आती है. यह मूल अंतर बीजेपी और कांग्रेस के अंदर में है. राजिम कुंभ शुरु हुआ है. लोगों में खुशी है. लाखों की संख्या में लोग राजिम पहुंचकर स्नान कर रहे हैं.पुण्य ले रहे हैं.ये बीजेपी का अच्छा कदम है.'' संजय श्रीवास्तव, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
छत्तीसगढ़ की संस्कृति को नष्ट कर रही बीजेपी :वहीं बीजेपी के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने पलटवार किया है. धनंजय सिंह ठाकुर के मुताबिक बीजेपी को छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा, तीज त्यौहार, बोली भाखा, रहन-सहन, खानपान पीड़ा क्यों है. जब भी बीजेपी सरकार में आती है, तो छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपराओं से छेड़छाड़ करती है. उसके मूल स्वरूप को बदल देती है. उनके नाम में परिवर्तन कर देती है. सरकार की जिम्मेदारी होती है राज्य की संस्कृति को बचाए.लेकिन छत्तीसगढ़ में बीजेपी उल्टा काम करके संस्कृति को ही नष्ट कर रही है.