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बिहार के जननायक को मिला भारत रत्न तो यूपी की राजनीति में मची हलचल

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद राजनीतिक दलों में हलचल सी मच गई है. सभी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 24, 2024, 3:25 PM IST

Updated : Jan 24, 2024, 7:18 PM IST

लखनऊ : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को उनकी जयंती पर केंद्र सरकार ने भारत रत्न देने का फैसला लिया है. कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया है. पिछड़ों के बड़े नेता के रूप में जाने जाने वाले कर्पूरी ठाकुर को जननायक की उपाधि दी गई थी. केंद्र सरकार के इस मास्टर स्ट्रोक से बिहार की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है, वहीं उत्तर प्रदेश भी इससे बिल्कुल अछूता नहीं है. यूपी और बिहार में पिछड़ों की राजनीति बढ़-चढ़कर होती है. ऐसे में कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान देकर विपक्षी दलों के पिछड़ों की राजनीति से चमकने की उम्मीद को झटका लग सकता है. अब उत्तर प्रदेश में भी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की चर्चा खूब हो रही है. विभिन्न राजनीतिक दलों ने केंद्र सरकार की तरफ से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने को लेकर प्रतिक्रिया जाहिर की है.

मायावती ने फैसले का किया स्वागत, कांशीराम को भारत रत्न देने की वकालत

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पार्टी के संस्थापक स्व. कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग केंद्र सरकार के सामने रख दी है. उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है. मायावती ने ट्वीट किया है कि देश में खासकर अति-पिछड़ों को उनके संवैधानिक हक के लिए आजीवन कड़ा संघर्ष कर उन्हें सामाजिक न्याय व समानता का जीवन दिलाने वाले जननायक कर्पूरी ठाकुर को उनकी 100वीं जयंती पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित करती हूं. बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे देश के ऐसे महान व्यक्तित्व कर्पूरी ठाकुर को देर से ही सही, अब भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करने के केन्द्र सरकार के फैसले का स्वागत है. देश के इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए उनके परिवार व सभी अनुयायियों को हार्दिक शुभकामनाएं. दलितों व अन्य उपेक्षितों को आत्मसम्मान के साथ जीने और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए बीएसपी के जन्मदाता और संस्थापक कांशीराम का योगदान ऐतिहासिक व अविस्मरणीय है, जिन्हें करोड़ों लोगों की चाहत के अनुसार भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करना जरूरी है.

बसपा नेता आकाश आनंद ने भी ट्वीट कर किया स्वागत

बहुजन समाज पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने पर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि सामाजिक न्याय के पुरोधा व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किए जाने के फैसले का स्वागत है. हम सबके लिए ये खुशी की बात है. बाबू कर्पूरी ठाकुर ने हमेशा पिछड़ों, दलितों, वंचितों के हित में कार्य किया है. सदन से लेकर सड़क तक दलितों, पिछड़ों व वंचितों की पीड़ा को मज़बूती से उठाने वाले जन-नायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर मेरा कोटि कोटि नमन है.

लोकदल ने किया स्वागत, चौधरी चरण सिंह को भी भारत रत्न देने की मांग

लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की है तो इस निर्णय का स्वागत है. जननायक कर्पूरी ठाकुर लोकदल के नेता थे. उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है. लोकदल की मांग है कि किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को भी मरणोपरांत भारत रत्न देने का भी एलान कर देना चाहिए.

आरएलडी ने फैसले का किया स्वागत पर सरकार को घेरा

राष्ट्रीय लोकदल व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को उनकी जयंती पर भारत रत्न दिए जाने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा भाजपा द्वेष के कारण नहीं कर रही है. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न किसान, मजदूर और कमेरा वर्ग की मांग है. इसकी भारतीय जनता पार्टी अवहेलना कर रही है. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न जरूर मिलना चाहिए.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में वैसे ही भारतीय जनता पार्टी काफी मजबूत स्थिति में नजर आ रही है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को लगता है कि वह बेहतर करेगी ही, लेकिन बिहार की स्थिति बीजेपी के ज्यादा पक्ष में नजर नहीं आ रही थी. ऐसे में केंद्र सरकार ने सही समय पर कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर मास्टर स्ट्रोक लगा दिया है. पिछड़ों के नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने का सीधा सा मतलब है बिहार से लेकर यूपी की राजनीति में पिछड़ों को विपक्षी दलों से खींचकर अपनी तरफ ले आना. बहुत उम्मीद है कि अब बिहार की राजनीति में पिछड़े विपक्ष से किनारा कर भाजपा के साथ खड़े नजर आ सकते हैं. उत्तर प्रदेश में भी पिछड़े वर्ग के मतदाताओं पर इसका असर देखने को जरूर मिल सकता है.

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Last Updated : Jan 24, 2024, 7:18 PM IST

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