चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला का शुक्रवार को निधन हो गया. गुरुग्राम के अस्पताल में ओपी चौटाला ने अंतिम सांस ली. उनके निधन से पूरे प्रदेश में शोक का माहौल है. बात अगर परिवार की करें तो शुरू से ही इनको सियासी माहौल मिला. पिता सीएम के साथ ही उप प्रधानमंत्री रह चुके थे. ओपी चौटाला के दोनों बेटे अभय चौटाला और अजय चौटाला भी सियासत में हैं. ओपी चौटाला 5 बार सीएम और सात बार विधायक रह चुके हैं. आइए एक नजर डालते हैं, उनके सियासी सफर पर...
पढ़ाई छोड़ किया राजनीति का रूख: 1 जनवरी 1935 को सिरसा के चौटाला गांव में ओपी चौटाला का जन्म हुआ. उनके पिता चौधरी देवी लाल हरियाणा के सीएम और देश के उप प्रधानमंत्री रह चुके हैं. उनके घर में शुरू से ही सियासी माहौल था. यही कारण था कि उनका झुकाव भी सियासत की ओर था. उन्होंने अपनी पढ़ाई में ब्रेक लगाकर पिता की तरह सियासत का रूख किया. ओपी चौटाला सिर्फ एक बार ही सीएम का कार्यकाल पूरा किए थे. चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल ने साल 2000 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई, जो पूरे 5 साल चली और ओपी चौटाला इस दौरान मुख्यमंत्री रहे.
काफी दिलचस्प है चौटाला के सीएम बनने की कहानी:ओपी चौटाला के 5 बार सीएम बनने की स्टोरी भी काफी रोचक है.ओपी चौटाला की साल 1968 में सियासत में एंट्री हुई. हालांकि पहले ही विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. एक साल बाद हुए चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर ओपी चौटाला विधायक बने. 2 दिसंबर साल 1989 को वह हरियाणा के सातवें सीएम बने. हालांकि 5 माह बाद ही महम उपचुनाव में धांधली के आरोप लगने पर उनको सीएम पद छोड़ना पड़ा. इसके बाद 12 जुलाई साल 1990 को वह दूसरी बार हरियाणा के सीएम बने. हालांकि महम उपचुनाव में बूथ कैप्चरिंग के आरोपों के कारण पांच दिन बाद फिर से उनको इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद 22 मार्च साल 1991 को वह तीसरी बार राज्य के सीएम बने. लेकिन इस बार भी महज 14 दिन वो सीएम बने रहे. विधानसभा में वो बहुमत सिद्ध नहीं कर पाए और उनकी सरकार को बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. इसके बाद साल 1999 में वो चौथी बार हरियाणा के सीएम बने. इस बार उन्होंने भाजपा के सहयोग से सरकार बनाई. साल 2000 के विधानसभा चुनाव में उन्हें स्पष्ट बहुमत मिला और वह पांचवीं बार सीएम बने.