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ढोल-नगाड़े के साथ पीएलएफआई अध्यक्ष मार्टिन केरकेट्टा के घर पहुंची पुलिस, दरवाजे पर चस्पा किया इश्तेहार - PLFI president Martin Kerketta

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 18, 2024, 7:46 PM IST

खूंटी में पुलिस ढोल नगाड़े के साथ 15 लाख के इनामी नक्सली मार्टिन केरकेट्टा के घर पहुंची. पुलिस ने ढोल बजाकर और माइक से अनाउंसमेंट कर लोगों से उसे पनाह नहीं देने की चेतावनी दी.

PLFI president Martin Kerketta
इश्तेहार चस्पा करते पुलिस के जवान (Etv Bharat)

खूंटी:पीएलएफआई नक्सलियों के खिलाफ खूंटी पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है. इसी कड़ी में रनिया पुलिस नक्सली संगठन के अध्यक्ष मार्टिन केरकेट्टा के घर पहुंची. पुलिस ने लोगों को जानकारी देने के लिए ढोल बजाकर और माइक से अनाउंसमेंट कर मार्टिन के घर पर इश्तेहार चस्पा किया.

मार्टिन केरकेट्टा के घर पहुंची पुलिस (Etv Bharat)

पुलिस ने ग्रामीणों को सख्त लहजे में कहा कि गांव के ग्रामीण नक्सली को अपने घर में पनाह न दें, उसे खाना-पानी न दें. ग्रामीणों से अपील की गयी है कि अगर कोई भी ग्रामीण उसे पनाह देता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. इश्तेहार चस्पा करने के बाद रनिया पुलिस ने माइक से घोषणा कर ग्रामीणों को मार्टिन केरकेट्टा के बारे में जानकारी दी. रनिया पुलिस ने परिजनों व ग्रामीणों से अपील की कि वे नक्सली मार्टिन केरकेट्टा को सरकार की सरेंडर नीति के तहत मुख्यधारा में शामिल होने को कहें या फिर न्यायालय में जाकर अपना पक्ष रखें, अन्यथा पुलिस कार्रवाई करेगी.

साथ ही पुलिस ने ग्रामीणों से कहा कि वे किसी भी तरह से उनकी मदद नहीं करें. खूंटी एसपी अमन कुमार ने बताया कि 15 लाख रुपये के इनामी नक्सली मार्टिन केरकेट्टा के खिलाफ खूंटी जिला व आसपास के जिलों में कई नक्सली मामले दर्ज हैं, जिसमें हाल के दिनों में रनिया थाना क्षेत्र में दर्ज दो अन्य नक्सली मामलों के सिलसिले में पुलिस उसे गिरफ्तार करने का प्रयास करती रही, लेकिन सफलता नहीं मिली.

एसपी ने बताया कि उसके पुलिस गिरफ्त से बाहर रहने के कारण न्यायालय द्वारा जारी वारंट व इश्तेहार चस्पा करने के लिए रनिया व कामडारा की पुलिस कामडारा थाना क्षेत्र स्थित उसके आवास पर पहुंची. घर का दरवाजा बंद होने के कारण पुलिस ने उसके घर के दरवाजे पर इश्तेहार चस्पा और ग्रामीणों को उसकी करतूतों के बारे में बताया. इतना ही नहीं पुलिस ने लोगों को बताया कि नक्सली को संरक्षण देना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है.

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