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पुलिस कमिश्नर बताएं कि संज्ञेय अपराध की जांच हैड कांस्टेबल कर सकता है या नहीं? - RAJASTHAN HIGH COURT

हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को अदालत में हाजिर होकर बताने को कहा है कि संज्ञेय अपराध की जांच हैड कांस्टेबल कर सकता है या नहीं.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 26, 2025, 7:46 PM IST

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को 28 फरवरी को अदालती कार्रवाई में शामिल होकर यह बताने को कहा है कि क्या किसी संज्ञेय अपराध की जांच हैड कांस्टेबल कर सकता है या नहीं? जस्टिस अनिल कुमार उपमन की एकलपीठ ने यह आदेश राजू की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

जमानत याचिका में अधिवक्ता राहुल अग्रवाल ने अदालत को बताया कि जहरखुरानी के इस मामले में पीड़ित ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. याचिकाकर्ता बेकसूर है, लेकिन पुलिस ने उसे मामले में फंसाते हुए आरोप पत्र पेश किया है. जबकि पुलिस ने जांच के दौरान शिनाख्त परेड भी नहीं कराई. जिससे पुलिस का अनुसंधान ही दूषित हो गया है. सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आया कि प्रकरण संज्ञेय किस्म का अपराध है और इसकी जांच हैड कांस्टेबल स्तर के पुलिसकर्मी ने की है. इस पर अदालत ने पुलिस कमिश्नर को यह बताने को कहा है कि क्या हैड कांस्टेबल ऐसे मामलों की जांच करने में सक्षम है या नहीं?

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मामले के अनुसार ज्ञान सिंह ने सिंधी कैंप थाना पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि वह 5 अक्टूबर, 2023 को दिल्ली से स्लीपर बस में जयपुर आया था. इस दौरान साथ यात्रा कर रहे व्यक्ति ने उसे बिस्किट खिलाया. जिससे वह बेहोशी की हालत में चला गया. इसके बाद 6 अक्टूबर को बस के परिचालक ने उसे अर्द्ध बेहोशी की हालत में बस से नीचे उतार दिया. सामान तलाशने पर तीन मोबाइल, सोने की चेन और नकदी गायब मिली. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने याचिकाकर्ता को गिरफ्तार किया था.

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