मथुरा: प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास सोमवार को वृंदावन स्थित विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर पहुंचे. उन्होंने भगवान के दर्शन कर पूण्य लाभ अर्जित किया. इसके बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए कुमार विश्वास ने बताया कि मथुरा हमारे लिए घर की तरह है, हमारे परिवार की तरह है.
कविता के कारण आज मथुरा में आने का अवसर मिला है. पिछले दिनों जन्माष्टमी के पुण्य पर्व पर वृंदावन की पावन भूमि में आने का अवसर प्राप्त हुआ. जैसा कि मैं कहता हूं कि अयोध्या श्रद्धा की भूमि है, काशी परमानंद की भूमि है और ऐसे ही ब्रज रस और आनंद की भूमि है. यहां प्रवेश करते ही आदमी रस में आ जाता है, आनंद में आ जाता है. बिहारी जी की प्रथम झांकी पानी का सौभाग्य प्राप्त हुआ यह पुण्य कर्मों का फल है.
मथुरा में मीडिया से बात करते कवि कुमार विश्वास. (Video Credit; ETV Bharat) मेरी माता जी यहां नहीं आ पाईं क्योंकि, उनकी तबीयत खराब थी तो उनकी ओर से एक तरह से मैं हाजिरी लगाने के लिए यहां आया हूं. माता-पिता का जो भी दायित्व है, वह बच्चों को पूरा करना चाहिए. अब उन्हें स्वास्थ्य में आराम मिल रहा है तो वह अगली बार आएंगी. हर बार परिवार से कोई ना कोई आता है.
कुमार विश्वास ने कहा कि मैं भगवान से कभी कुछ नहीं मांगता. अगर उनसे भी कुछ मांगना पड़ा तो किसे समझाएंगे की क्या चाहिए, हमारे भविष्य के लिए देश के लिए मानवता के लिए जो श्रेष्ठ है जो उत्तम होगा, चाहे वह सृजन हो या संघार हो भगवान उसकी व्यवस्था करेंगे.
मनुष्य बुद्धि के कारण कई बार हम उसकी व्याख्या नहीं कर पाते, हमें कई बार लगता है कि हमें दुख है. कई बार हमें लगता है कि हमें कष्ट है लेकिन, भगवान की जो दृष्टि है हमारे तीनों कालों में जाती हुई हमारे वर्तमान में भूतकाल में भविष्य काल में वह सही निर्णय लेते हैं.
वह पाप काराए, पूण्य काराए उनकी व्यवस्था है. उनके पास पहुंचने पर कृतज्ञता से सर झुका हो और कहिए हे ईश्वर जिस रज में जिस भूमि में आप खेले वहां में मनुष्य के रूप में आ सका. मेरे सौभाग्य के कारण आप हो मैं आपको धन्यवाद ज्ञापित करता हूं.
कुमार विश्वास ने कहा, मैं आशा करता हूं कि जिस प्रकार वर्षों के संघर्ष के बाद भगवान राम अपने श्री विग्रह में पुनः विराजित हुए हैं, राजनीति से परे हटकर दूसरा पक्ष यह बात समझेगा कि चाहे काशी हो चाहे मथुरा हो चाहे अयोध्या हो यह सनातन धर्म की आस्था के मूल बिंदु है. यहां अगर उनको अपना पूरा वह स्थान देने का प्रयत्न करेगा पूर्व में बाहर से आए रेगिस्तान से आए विधर्मी लुटेरों के कारण जो कुछ भी अपकर्म यहां हो गया था.
अगर इसका शुद्धिकरण दूसरा पक्ष कर सके बिना किसी न्यायालय के वाद के बिना किसी राजनीतिक दबाव के और बिना किसी चुनावी गणित के तो मुझे लगता है कि देश की सारवोम और समरस एकरूपता के लिए अच्छा होगा सांप्रदायिक सद्भाव के लिए अच्छा होगा और मैं वह दिन देख रहा हूं जब दूसरे पक्ष में यह बुद्धि आएगी यह विवेक आएगा यह प्रेम आएगा. वह समय जल्दी आएगा जिस तरह हमने भगवान राम को उन्मुक्त भाव के साथ बैठे हुए देखा जल्द ही भगवान श्री कृष्ण को उनकी जन्मभूमि में पूरे परिसर में विराजमान देखेंगे.
कुमार विश्वास ने कहा कि मेरा केवल इतना निवेदन है कि सनातन धर्म यह सिखाता है कि आप अपने धर्म का आदर करें और किसी विशेष धर्म पर कोई टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं है. मेरा धर्म इतना विराट है कि मेरी आस्था इतनी विराट है कि मेरी भारतीयता इतनी विराट है कि तो मुझे यह क्यों करना चाहिए मैं सभी पक्षों से अनुरोध करता हूं कि कि भारत की जो छवि विश्व भर में है भारत की जो समरसता है उसको सुरक्षित रखें और सनातन धर्म की विजय हो.
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