हजारीबाग: प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत हजारीबाग के कोलघट्टी में बनाए गए 288 फ्लैट्स में रहने वाले लोगों के बीच पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. इस प्रचंड गर्मी में लोगों को पानी के बिना रहने में काफी कठिनाई हो रही है. आलम यह है कि एक बाल्टी पानी के लिए आपस में लोग उलझ पड़ते हैं. यहां रहने वाले लोग अपने घर की चाबी नगर निगम को सौंपने की तैयारी कर रहे हैं. लोगों ने कहा कि जो पैसा हमने लगाया है उसे नगर निगम वापस करे.
ड्राई जोन में करा दिया गया है पीएम आवास का निर्माण
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. इसके तहत शहरी इलाके में जिनका अपना अशियाना नहीं है उन्हें कम लागत में आवास उपलब्ध कराना है. लेकिन हजारीबाग नगर निगम ने उस जगह पर आवास का निर्माण करा दिया है जो ड्राई जोन है. ड्राई होने के कारण सालों भर यहां पानी के लिए हाहाकार मचा रहता है.
वहीं गर्मी में पानी के बिना लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. आलम यह है कि कई लोग अपना आवास बंद कर अपने सगे-संबंधी के पास चले गए हैं. इसका कारण है कि इस भीषण गर्मी में लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है.
लोगों को घंटों लाइन में लगकर पानी भरना पड़ता है
यहां रहने वाली एक कॉलेज स्टूडेंट ने बताया कि कॉलेज जाने के पहले एक से दो बाल्टी पानी मिल पाता है. उसी पानी से नहाना और कपड़ा धोना होता है. कॉलेज से आने के बाद फिर से लाइन में लग कर पानी का इंतजार करना पड़ता है, ताकि दो बाल्टी पानी मिल सके. इससे पढ़ाई-लिखाई तो प्रभावित हो ही रही है, साथ ही जीना भी दुश्वार हो गया है.
आवास में रहने वाले लोग पीने का पानी खरीदने को विवश
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में आवास की एक लाभुक महिला ने बताया कि नगर निगम ने बेवकूफ बनाकर आवास आवंटित कर दिया है. उनका कहना है कि ड्राई जोन में इस तरह के अपार्टमेंट का निर्माण कराना ही नहीं चाहिए था. उन्होंने बताया कि सभी ब्लॉक में मिलाकर कुल 288 परिवार यहां रहते हैं, पर पानी का ही साधन नहीं है. स्थिति यह है कि लोगों को पीने का पानी खरीदना पड़ता है. लेकिन दिनचर्या के लिए पानी कहां से आए यह बहुत बड़ी मुसीबत है. पानी भरने के लिए घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है. कभी-कभी तो यह बोरिंग भी फेल हो जाता है और पानी मिलना बिल्कुल बंद हो जाता है.