भोपाल:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के अलावा पार्टी संगठन के चुनिंदा पदाधिकारियों के साथ करीबन सवा 2 घंटे तक चर्चा की. चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधायकों-सांसदों से कई सवाल-जवाब किए. बैठक के दौरान हिदायत भी दी गई कि अंदर हुई बात आत्मसात करना है. इस पर बाहर चर्चा न करें. बैठक को लेकर बीजेपी विधायकों ने कहा कि बैठक शानदार रही. बैठक के बारे में मंत्री, विधायक बात करने से कतराते दिखे.
विधायक से पूछ लिया कौन हैं कुशाभाऊ ठाकरे?
छतरपुर के बागेश्वर धाम में कैंसर हॉस्पिटल का भूमि पूजन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी शाम करीबन 6 बजे कुशाभाऊ ठाकरे कंवेंशन हॉल पहुंचे. पीएम मोदी ने करीबन 2 घंटे तक विधायकों, सांसदों और मंत्रियों से चर्चा की. बताया जाता है कि पीएम मोदी ने पार्टी और पार्टी को खड़ा करने वालों से जुड़े सवाल विधायक और सांसदों से पूछे. पीएम मोदी ने एक विधायक से पूछा कि कुशाभाऊ ठाकरे कौन हैं.
मंत्री, विधायक और सांसदों को संबोधित करते पीएम (ETV Bharat) 'जमीन से जुड़े रहें और विकास के काम करते रहें'
पीएम मोदी ने पार्टी संगठन, पार्टी की नीतियों को लेकर नेताओं से चर्चा की. बैठक में पीएम मोदी ने सभी की बात सुनी और बेहद सजह होकर जनता की सेवा करने और गरीबों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि जमीन से जुड़े रहें और विकास के काम करते रहें. बैठक के दौरान नेताओं को बैठक में हुई चर्चा को लेकर बाहर बात न करने की हिदायत भी दी गई.
सांसद विधायक पदाधिकारी की बैठक में पीए मोदी (ETV Bharat) सांसद विधायक पदाधिकारी की बैठक (ETV Bharat) 'अंदर की बात अपने दिल में ही रखें'
बैठक से बाहर निकले बीजेपी विधायक शैलेन्द्र जैनने कहा कि "बैठक में कहा गया है कि अंदर की बात अपने दिल में ही रखना है. इसे आत्मसात करना है. इस संबंध में बाहर बात नहीं करना है." पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि "बैठक में आपसी बात हुई है. यह एक पारिवारिक बैठक थी." मंत्री इंदर सिंह परमारने कहा कि "अच्छी चर्चा हुई है, अच्छी बात हुई है और काम की बात हुई है."
पीएम मोदी ने ली मंत्री, सांसदों की परीक्षा (ETV Bharat) बिना पास एंट्री नहीं, सांसद भूले पास
पीएम मोदी के कार्यक्रम में किसी भी सांसद, मंत्री, विधायक को बिना पास एंट्री नहीं दी गई. बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे बीजेपी सांसद शंकर लालवानी जब गेट पर पहुंचे तो उन्हें याद आया कि वे पास लाना ही भूल गए. जब बिना पास एंट्री नहीं मिली तो बाद में उन्होंने अपना पास बुलवाया. इसके बाद ही उन्हें अंदर जाने दिया गया. कार्यक्रम में सभी विधायकों, सांसदों से लेकर मंत्रियों तक को मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं दी गई. सभी से गेट के पास ही मोबाइल भी जमा करा लिए गए. कार्यक्रम में मंत्री के सहायकों को भी नहीं जाने दिया गया.