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बिहार की चुनावी बिसात पर पीएम मोदी की चाल, मिथिलांचल से जमुई तक वोटबैंक साधने की तैयारी - PM MODI BIHAR VISIT

प्रधानमंत्री मोदी 15 नवंबर को जमुई दौरे पर आए. आदिवासी समाज के लिए कई योजनओं की शुरुआत की. इसके बाद सियासी तापमान चढ़ गया.

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पीएम मोदी का बिहार दौरा. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 15, 2024, 7:41 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा का चुनाव 2025 में होना है. लगभग 1 साल का समय बचा है. लेकिन, बिहार पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सप्ताह में बिहार का दो बार दौरा किया. दरभंगा में एम्स का शिलान्यास किया. आज जमुई में आदिवासी समाज के लिए हजारों करोड़ की योजना की शुरुआत की. राजनीति के जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री ने दरभंगा में कार्यक्रम कर मिथिलांचल और सीमांचल को साधने की कोशिश की गयी थी. वहीं, जमुई से एससी-एसटी वर्ग को साधने की कोशिश की गयी.

दलित वोट बैंक पर सभी दलों की नजरः बिहार विधानसभा में 39 सुरक्षित सीट है. इस पर एससी-एसटी वर्ग से आने वाले ही चुनाव लड़ सकते हैं. इन 39 सीटों में से अभी 22 सीटों पर एनडीए का कब्जा है. 2025 में एनडीए सभी सीटों पर अपनी दावेदारी ठोक रहा है. विधानसभा चुनाव में एनडीए 2010 की पुनरावृत्ति करना चाहता है. तब एनडीए को 39 सुरक्षित सीटों में से 37 पर जीत मिली थी. आनेवाले चुनाव में दलित वोट बैंक पर सभी की नजर है. प्रशांत किशोर ने भी अपनी पार्टी का पहला प्रदेश अध्यक्ष दलित वर्ग से आने वाले नेता को ही बनाया है.

पीएम मोदी का बिहार दौरा. (ETV Bharat)

"2025 की लड़ाई दिलचस्प होने वाली है और इसलिए प्रधानमंत्री की तैयारी भी उसी ढंग से हो रही है. प्रधानमंत्री की नजर अभी सबसे पहले झारखंड पर है. और अगले साल बिहार में चुनाव होना है तो उसकी भी तैयारी हो रही है."- प्रिय रंजन भारती, राजनीतिक विश्लेषक

चढ़ा बिहार का सियासी पाराः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमुई में बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती वर्ष कार्यक्रम में हजारों करोड़ की योजना शुरू कर न केवल झारखंड में चल रहे चुनाव के दूसरे पेज पर असर डालने की कोशिश की है, बल्कि बिहार के भी सुरक्षित सीटों पर मैसेज देने की कोशिश की है. झारखंड में 38 सीटों पर 20 नवंबर को वोट डाला जाएगा. आदिवासी समाज, बिरसा मुंडा को भगवान मानता है. प्रधानमंत्री ने इस मौके को भुनाने की पूरी कोशिश की है. 2025 की लड़ाई दिलचस्प होने वाली है, इसलिए प्रधानमंत्री ने बिहार के दलित वोट बैंक को जमुई से साधने की कोशिश की.

पीएम मोदी का स्वागत करते सीएम. (ETV Bharat)

"बिहार की जनता भारतीय जनता पार्टी को पहचान चुकी है. विधानसभा चुनाव में यहां की जनता वह गलती दोबार नहीं करेगी. बिहार का जो बेटा विकास करेगा बिहार की जनता उसी के साथ रहेगी."- शक्ति यादव, मुख्य प्रवक्ता आरजेडी

जमुई में पीएम मोदी और सीएम नीतीश. (ETV Bharat.)

बिहार का हो रहा विकासः जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए में जाने का जो फैसला लिया, वह बिहार के हित में दिख रहा है. पहले बजट में 58 हजार करोड़ का पैकेज मिला और अब 48 घंटे में प्रधानमंत्री ने बिहार में हजारों करोड़ की योजना की शुरुआत की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी बिहार के विकास को लेकर इतिहास लिखने वाला हैं, जिसे तोड़ पाना विपक्ष के लिए असंभव है. जनजातीय वर्ग के लिए जमुई में प्रधानमंत्री ने जो योजना शुरू की है, वह मौका आज से बेहतर हो ही नहीं सकता था.

दरभंगा में पीएम का कार्यक्रम. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

"प्रधानमंत्री का बिहार से विशेष लगाव है. बिहार की जनता भी प्रधानमंत्री पर भरोसा करती है. इसलिए प्रधानमंत्री के बिहार दौरे से न केवल सुरक्षित सीटों पर बल्कि सभी 243 सीटों पर भी असर पड़ेगा."- श्याम सुंदर सिंह, प्रवक्ता, हम

दरभंगा में पीएम मोदी. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

सुरक्षित सीटों पर एनडीए का रहा है दबदबाः 2015 में आरजेडी ने सबसे ज्यादा 14 दलित सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि, जेडीयू को 10, कांग्रेस को 5, बीजेपी को 5 और बाकी चार सीटें अन्य दलों को मिली थीं. 2005 में भाजपा-जदयू को 27 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं 2010 में यह संख्या बढ़कर 37 तक पहुंच गई. 2005 में JDU को 15 सीटें मिली थीं, बीजेपी के खाते में 12 सीटें आई थीं जबकि 2010 में जदयू ने 19 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को 18 सीटें मिली थीं. आरजेडी को 2005 में 6 सीटें मिली थीं जो 2010 में घटकर एक पर आ गई थी. 2020 में जेडीयू ने 8, बीजेपी ने 10, HAM ने तीन, राजद ने 8 और सीपीआईएमएल ने 3, सीपीआई 1 शेष पर कांग्रेस और अन्य दलों को जीत मिली थी.

ETV GFX (ETV Bharat)

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