जींद:पितृ पक्ष (श्राद्ध) चल रहे हैं और बाजार से ग्राहकों की रौनक पूरी तरह से गायब हो चुकी है. ग्राहकों से खचाखच रहने वाले जींद के बाजार में दुकानदार ग्राहकों की राह जोहते नजर आ रहे हैं. दिन होते-होते बाजार में सन्नाटा छा जाता है. जिन दुकानदारों को दोपहर के समय सांस लेने तक की फुर्सत नहीं होती थी, वो दुकानदार अब ग्राहकों का इंतजार करते हुए नजर आते हैं. दुकान पर ग्राहक नजर नहीं आ रहे हैं. धंधा इस कदर मंदा हो गया है, जिसे सोचकर दुकान मालिक सिहर रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशानी उन दुकानदारों की बढ़ गई है. जिन्होंने महंगे किराये पर दुकानें ली हुई हैं. हालात यह हैं कि दुकान का किराया निकलने की भी उम्मीद नहीं दिख रही है. किसी-किसी दिन तो बोहनी तक नहीं होती है. ऐसे में अब दुकानदारों को इंतजार है, नवरात्र पर्व का. जिससे कि उनकी दुकानदारी फिर ढर्रे पर लौट सके.
पितृ पक्ष में खरीदारी बंद:पौराणिक मान्यता है कि जब श्राद्ध शुरू होते हैं, तो उस दौरान कोई भी नई चीज या वस्तु खरीदना शुभ नहीं माना जाता है. जिसके चलते लोग श्राद्ध पक्ष के दौरान वस्तुओं की खरीद-फरोख्त करने से परहेज करते हैं. जिसका साफ असर व्यापार पर दिख रहा है. चाहे इलेक्ट्रॉनिक सामान हो, कपड़ा या गिफ्ट आइटमें या सोने तथा चांदी के गहने. सभी दुकानों पर सन्नाटा है. जींद का बाजार सर्राफा के लिए मशहूर है और शहर की सभी दुकानों, शोरूमों पर ग्राहकों की भरमार रहती थी. लेकिन वहां भी ग्राहकों का इंतजार हो रहा है. पितृपक्ष के चलते लोग खरीददारी से किनारा करते नजर आ रहे हैं.