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साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, कोर्ट ने 40 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा - cyber criminals Petition rejected - CYBER CRIMINALS PETITION REJECTED

cyber criminals Petition rejected: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार 43 आरोपियों की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी. अदालत ने उनमें से तीन को 4 दिन की सीबीआई हिरासत जबकि 40 आरोपियों को 9 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज,
साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 27, 2024, 8:19 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आपरेशन चक्र पार्ट 2 के तहत गिरफ्तार 43 कथित साइबर ठगों में से तीन को 4 दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया. शेष 40 आरोपियों को 9 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. कोर्ट ने आरोपियों की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए उनकी जमानत याचिका भी खारिज कर दी.

साइबर ठगी के मास्टरमाइंड का अब तक पता नहीं

कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील ने बताया कि य़ह बहुत गंभीर मामला है. इसके तार विदेश से जुड़े हैं. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं लेकिन अभी मास्टरमाइंड का पता नहीं चला है. सीबीआई ने कहा कि हमने तीन लोगों की पहचान की है जिनसे पूछताछ के जरिये इस पूरे अपराध की साजिश की तह तक पहुंचा जा सकता है. इस मामले में और बरामदगी की जा सकती है. हमारे पास विदेशी नागरिकों से बातचीत की रिकॉर्डिंग मौजूद है. इस बातचीत में इनके अपराध के अंजाम के तरीके के बारे में बात की गई है.

सीबीआई ने आरोपियों को हिरासत में लेने के 24 घंटे की समयसीमा में कोर्ट में नहीं किया पेश

15 मिलियन अमेरिकी डॉलर के लेन देन का हमें शक है. इस बारे में तहकीकात के लिए कस्टडी जरूरी है. सुनवाई के दौरान आरोपियों के वकील ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई पुराने फैसलों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि इन फैसलों में दी गई व्यवस्था के मुताबिक इस केस में आरोपियों की गिरफ्तारी पूरी तरह अवैध और गैरकानूनी है क्योंकि इस मामले में सीबीआई ने आरोपियों को हिरासत में लेने के 24 घंटे की समयसीमा में कोर्ट में पेश नहीं किया.

आरोपियों को सीबीआई ने 26 जुलाई को कोर्ट के सामने पेश किया

आरोपियों के वकील ने दलील दी कि कोर्ट से सर्च वारंट लेने के बाद 24 जुलाई को सीबीआई का का कॉल सेंटर सर्च पर ऑपरेशन शुरू हो गया था. इन सबको बाहर जाने की इजाज़त नहीं थी. लेकिन आरोपियों को सीबीआई ने 26 जुलाई को कोर्ट के सामने पेश किया. इस लिहाज से देखा जाए तो ये 24 से 26 जुलाई तक आरोपी हिरासत में ही थे. चूंकि इस केस में 24 घंटे की समयसीमा में आरोपियों को कोर्ट में पेश नहीं किया गया. इस लिहाज से गिरफ्तारी और रिमांड रद्द होनी चाहिए.

सीबीआई ने इन 43 आरोपियों को 26 जुलाई को गुरुग्राम से किया गिरफ्तार

आरोपियों के वकील की ओर से कहा गया था कि सीबीआई ने गिरफ्तारी और रिमांड से जुड़ी जरूरी क़ानूनी प्रकिया का सीबीआई ने पालन नहीं किया. एजेंसी ने आरोपियों की गिरफ्तारी का आधार नहीं बताया गया. हमें एफआईआर और रिमांड की कॉपी भी नहीं दी गई. आज भी कोर्ट के कहने के बाद रिमांड की कॉपी आरोपियों के वकील को उपलब्ध कराई गई है.
सीबीआई ने इन 43 आरोपियों को 26 जुलाई को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था.

साइबर सिटी गुरुग्राम में 7 ठिकानों पर छापेमारी में हुआ खुलासा

सीबीआई के मुताबिक ये सभी साइबर ठग गुरुग्राम में कॉल सेंटर का संचालन करते थे और यहीं से विदेशी नागरिकों से ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. सीबीआई ने इस मामले में 22 जुलाई 2024 को केस दर्ज किया था और इस फ्रॉड के खुलासे के लिए जांच शुरू की थी. सीबीआई ने दिल्ली और साइबर सिटी गुरुग्राम में 7 ठिकानों पर छापेमारी की थी. जांच में खुलासा हुआ कि डीएलएफ गुरुग्राम से साइबर ठगी को अंजाम दिया जा रहा था. इसका संचालन डीएलएफ गुरुग्राम स्थित एक कॉल सेंटर से किया जा रहा था.

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130 कंप्यूटर हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन और 5 लैपटॉप बरामद

सीबीआई ने साइबर ठगों के कब्जे से 130 कंप्यूटर हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन और 5 लैपटॉप बरामद किया है. इसके अलावा बड़ी संख्या में पीड़ितों की जानकारी, दस्तावेज, कॉल रिकॉर्डिंग और ट्रांसक्रिप्ट बरामद किया है. वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपी लोगों के कंप्यूटर पर एक पॉप अप भेजकर संदिग्ध सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए कहते थे. इसके बाद वह उनके सिस्टम को रिस्टोर करने के नाम पर पैसे ट्रांसफर करवाते थे.

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