चंडीगढ़:2 फरवरी को शहर में बसंत पंचमी मनाई जाएगी. हर साल चंडीगढ़ के लोग बड़ी सख्या में लेजर वैल्ली और रोज गार्डन में अपने परिवार के साथ पहुंचते हैं. इस दिन लोगों की ओर से खूब पतंगबाजी की जाएगी. इस मौके शहर के सेक्टर-10 की लेजर वैली में सुबह से ही पतंगबाज अपने परिवारों के साथ जमा होंगे.
इन स्थलों पर उमड़ेगी भीड़ : इस बार बसंत पंचमी रविवार को है. रविवार को चंडीगढ़ की बहु चर्चित स्थलों पर पहले से भी भीड़ होती है, लेकिन इस रविवार चंडीगढ़ पीले रंग में रंग हुआ नजर आएगा. इसके साथ ही चंडीगढ़ की खुली जगहों पर रंग-बिरंगी पतंगों को आकाश में उड़ते हुए देख सकेंगे. वहीं रोज गार्डन और लेज़र वेली के बाहर पुलिस प्रशासन की ओर से कड़े इंतजाम किए जाएंगे, ताकि लोगों को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े. उन्हीं रास्तों पर पीजीआई और सेक्टर-16 का सरकारी अस्पताल पड़ता है. ऐसे में जिन लोगों को बसंत पंचमी पर पतंग उड़ाने का शौक है, वे चंडीगढ़ के रोज गार्डन, लेजर वैली, सुखना लेक, रॉक गार्डन, ट्रेस गार्डन जैसी जगहों पर पहुंच कर पतंग उड़ा सकते हैं. वहीं बच्चों के लिए यहां खाने-पीने की कई चीज़े की सुविधा मौजूद होगी.
चंडीगढ़ में बसंत पंचमी (Etv Bharat) मंदिरों में होगी पूजा-अर्चना : बता दें कि चंडीगढ़ की अलग-अलग जगह पर बसंत पंचमी के मौके पतंगे उड़ाई जाती हैं. इनमें से सबसे चर्चित जगह रोज गार्डन और लेजर वैली है. चंडीगढ़ के अलग-अलग मंदिरों में भी बसंत पंचमी को लेकर पूजा-अर्चना की जाती है. सेक्टर-30 के श्री महाकाली मंदिर, सेक्टर-18 के श्री राधा कृष्ण मंदिर, सेक्टर 20 मठ मदिंर में हर साल लोग पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते है.
स्टूडेंट्स करें सरस्वती पूजा : सेक्टर-30 के श्री महाकाली मंदिर स्थित भृगु ज्योतिष केंद्र के प्रमुख और कर्मकांडी पंडित बीरेंद्र नारायण मिश्र की माने तो इस दिन विद्यार्थियों को मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 2 फरवरी को सुबह 9:45 बजे से पंचमी तिथि का प्रारंभ हो रहा है. अगली सुबह 6:53 बजे तक रहेगा. सरस्वती मां की आराधना और पूजा के समय दूध, दही, मक्खन, धान का लावा, सफेद तिल का लड्डू, गन्ना, गन्ना के रस का पका हुआ गुड़, सफेद चंदन, सफेद आभूषण, अदरक, मूली, चावल, घी, पके हुए केले के फल, नारियल, नारियल का जल और श्रीफल का प्रयोग करें.
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