बीजापुर:जनजातीय समुदाय के समस्याओं को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने जिला मुख्यालय में रैली निकाली. रैली में शामिल लोगों ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. रैली में जिले भर से करीब 15 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ थी. जब रैली निकली तो करीब डेढ़ किमी लंबी हुई. रैली में शामिल लोगों की मांग थी कि उन्हें तेंदूपत्ता मजदूरी का भुगतान नकद में किया जाए. सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष जग्गू राम तेलामी ने बताया कि ''अनुसूचित क्षेत्र के बीजापुर जिले में जनजातीय समुदाय को विभिन्न समस्याओं से दो चार होना पड़ता है. इसके समाधान के लिए 14 बिंदुओं पर राज्यपाल के नाम एसडीएम जागेश्वर कौशल को ज्ञापन सौंपा गया.
बीजापुर में जनजातीय समुदाय के लोगों ने निकाली डेढ़ किमी लंबी रैली - People of tribal community - PEOPLE OF TRIBAL COMMUNITY
बीजापुर में जनजातीय समुदाय के लोगों ने डेढ़ किलोमीटर लंबी रैली निकाली. रैली के माध्यम से सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर आवाज बुलंद की. प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना था कि उनको तेंदूपत्ता के पैसों का भुगतान नकद में किया जाए. इसके साथ ही सर्व आदिवासी समाज की मांग थी कि जो भी पोटा केबिन बने हैं उनको पक्के स्कूलों में बदला जाए. रैली को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jun 18, 2024, 8:33 PM IST
सर्व आदिवासी समाज ने निकाली रैली:सर्व आदिवासी समाज की मांग थी कि जो पोटा केबिन बांस से बने हैं उनको पक्के मकानों में बदला जाए. तेंदूपत्ता संग्राहकों को मजदूरी और बोनस का पैसा नकद में दिया जाए. लोगों की मांग थी कि आनलाइन पेमेंट के लिए कुटरू, गुदमा, गंगालूर, जांगला, बासागुडा, मद्देड, एरमनार, भैरमगढ़ में सहकारी बैंक शाखा की सुविधा मुहैया कराई जाए. पोटा केबिन में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की जााए ताकि बच्चों को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल पाए. इसके साथ ही अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति सहित पिछड़े वर्ग के लिए कटअप डेट को ध्यान में रखते हुए जारी जाति प्रमाण पत्रों के साथ जारी फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच की जाए.
15 सूत्री मांगों को लेकर किया प्रदर्शन: ग्रामीणों की मांग थी कि जिला अस्पताल बीजापुर में गर्भवती महिलाओं के लिए सोनोग्राफी व्यवस्था बहाल किया जाए. बीते आठ महीनों से जिला अस्पताल में सोनोग्राफी की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही है. सोनोग्राफी नहीं होने से महिलाएं जांच के लिए निजी अस्पतालों का रुख कर रही हैं. निजी अस्पतालों में मरीजों को रेफर किए जाने पर दोषी अस्पताल अधीक्षक पर कार्रवाई की मांग भी की गई है.