जोधपुर में धीरेंद्र शास्त्री जोधपुर. शहर में सोमवार को रामनवमी के लिए आयोजित रामोत्सव कार्यक्रम और बाड़मेर में विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित आध्यात्मिक समाधान सत्र एवं आशीर्वचन समारोह आयोजित होगा. इसमें शिरकत करने के लिए आज सोमवार को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री जोधपुर आए हैं. जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचने पर समर्थकों ने उनका सत्कार किया. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कई मुद्दों पर अपनी राय रखी.
उन्होंने 'राजनीति और सनातन' मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि धर्म से राजनीति चलती है, राजनीति से धर्म नहीं चलता है. मैं सनातन धर्म के लिए जिया हूं और सनातन धर्म के लिए ही मरूंगा. यही मेरा गुनाह है. सनातन का मतलब विश्व का कल्याण होना है.
कृष्ण जन्मभूमि पर ये बोले शास्त्री : कांग्रेस के नेताओं के भाजपा का दामन थामने के सवाल पर उन्होंने कहा - जो लोग आ रहे हैं वो निश्चित रूप से विश्व का कल्याण चाह रहे हैं. राम मंदिर के सवाल पर उन्होंने अपनी बात को मथुरा जन्मभूमि विवाद की तरफ घुमा दिया. उन्होंने कहा - " बहुत जल्दी कृष्ण लला हम आएंगे, माखन मिश्री खाएंगे. जल्द ठाकुर जी भी विराजमान होने वाले है."
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जोधपुर में भी जय जय होगी :उन्होंने आगे कहा कि अभी आचार संहिता चल रही है. इसलिए छोटा कार्यक्रम है. कालांतर में जोधपुर में कथा भी करेंगे. हिंदुओं को जगा रहे हैं, यही हमारा गुनाह है. जोधपुर संसदीय क्षेत्र की पर्ची पर उन्होंने कहा कि भारत आगे जा रहा है. कालांतर में जोधपुर में भी जय जय होगी.
इन कार्यक्रमों में लेंगे भाग : गौरतलब है कि जोधपुर में रामनवमी महोत्सव समिति की ओर से इस वर्ष रामनवमी तक रामोत्सव का आयोजन करवाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत धीरेंद्र शास्त्री आज शहर के दशहरा मैदान में एक विशाल आध्यात्मिक चेतना और हनुमान चालीसा प्रवचन कार्यक्रम से करेंगे. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पूरे जोधपुर संसदीय क्षेत्र से लोग शामिल हो रहे हैं. जोधपुर के कार्यक्रम के बाद धीरेंद्र शास्त्री बाड़मेर में भी आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे.
हाल ही में इन विवादों से रहा नाता :
- बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों विवादों में है. उनका ताजा विवाद एक मंच से उनका मौला अली के नाम पर बोली गई टिप्पणी से है. इसके बाद मुस्लिम समाज में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. हालांकि उन्होंने अपने बयान पर माफी मांग ली, और कहा कि बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. मौला अली अहिंसा के पुजारी थे और वो श्रेष्ठ हैं.
- कुछ समय पर हैहयवंशी समाज के आराध्य देव सहस्त्र बाहू महाराज पर धीरेंद्र शास्त्री ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि सहस्त्रबाहु के वंश का नाम हैहय वंश था, और इस वंश के विनास के लिए भगवान परशुराम ने अपने हाथों में फरसा उठाया था. बता दें कि उनके इस बयान के बाद दलित समाज ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था.
- महाराष्ट्र के संत तुकाराम पर धीरेंद्र शास्त्री का एक बयान सामने आया था, जिसमें धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि - संत तुकाराम की पत्नी उन्हें रोज डंडे से मारती थी. महाराष्ट्र में कुनबी समुदाय के लोगों ने शास्त्री के इस बयान पर आक्रोश व्यक्त किया था.
- इसी तरह उन्होंने सांई बाबा पर भी टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि साईं संत और फकीर हो सकते हैं लेकिन भगवान नहीं हो सकते.