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बसंत पंचमी पर गोविंद देव जी का पाटोत्सव, मां सरस्वती की भी होगी आराधना, 1 फरवरी को बांटा जाएगा संगम जल - PATOTSAV OF GOVIND DEV JI TEMPLE

गोविंद देव जी का पाटोत्सव 2 फरवरी बसंत पंचमी को मनाया जाएगा. इस दौरान अनेक धार्मिक आयोजन किए जाएंगे.

Patotsav of Govind Dev Ji Temple
गोविंद देव जी का पाटोत्सव (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 29, 2025, 8:36 PM IST

जयपुर: शहर के आराध्य गोविंद देव जी का 2 फरवरी बसंत पंचमी के दिन पाटोत्सव मनाया जाएगा. जिसकी तैयारी शुरू हो चुकी है. इस दिन धूप झांकी खुलने पर पहले अधिवास पूजन होगा. उसके बाद धूप आरती होगी. वहीं शृंगार झांकी आरती के बाद जगमोहन में ही मां सरस्वती देवी का पूजन होगा. इस दिन झांकियों के समय में भी परिवर्तन किया जाएगा. साथ ही ठाकुर श्री जी को पांच तरह की गुलाल भी अर्पित की जाएगी.

गोविंददेव जी मंदिर में 2 फरवरी को बसंत पंचमी उत्सव मंदिर के पाटोत्सव के रूप में मनाया जाएगा. इस उपलक्ष्य में मंदिर में अनेक धार्मिक आयोजन होंगे. मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि सुबह मंदिर कीर्तनिया, परिकर जन मंगल गीत और बधाई गान से दिन की शुरुआत होगी. मंगला झांकी सुबह 4:00 से 4:15 बजे तक होगी. सुबह 5:00 से 5:15 बजे तक ठाकुर जी का वेद मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक किया जाएगा. मावा पेड़े का भोग अर्पण किया जाएगा. इसके बाद महाआरती के दर्शन होंगे.

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अभिषेक झांकी के बाद ठाकुर श्रीजी को विशेष पीत (पीली) पोशाक और अलंकार शृंगार धारण कराया जाएगा. धूप झांकी 8:30 से 9:45 बजे तक होगी. धूप झांकी खुलने पर पहले अधिवास पूजन होगा. इसके बाद धूप की आरती होगी. धूप झांकी में ठाकुर श्रीजी को बेसन के लड्डू का भोग अर्पण किया जाएगा. शृंगार झांकी सुबह 10:15 से 10:45 बजे तक होगी. शृंगार झांकी के बाद मां भगवती सरस्वती का पूजन जगमोहन में ही ठाकुर श्रीजी के सन्मुख होगा. इस दौरान ठाकुर श्रीजी को पांच प्रकार के गुलाल, इत्र का अर्पण किया जाएगा. उसके बाद राजभोग की आरती होगी. राजभोग झांकी का समय सुबह 11: 15 से दोपहर 11:45 बजे तक रहेगा.

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भक्ति रत्नाकर ग्रंथ में है उल्लेख: मानस गोस्वामी ने बताया कि करीब 500 वर्ष पूर्व इस दिन रूप गोस्वामी पाद ने ठाकुर श्रीजी का विग्रह गोमाटीला (वृंदावन) में दोबारा प्रकट किया था. मूल बंग (बंगला) भाषा में रचित माध्व गौड़ीय संप्रदाय के सर्वमान्य ग्रंथ भक्ति रत्नाकर ग्रंथ के द्वितीय तरंग में स्पष्ट अंकित है कि श्री गोविन्द प्रगटे होइलो रूप द्वारे. यानी रूप गोस्वामी पाद ने ठाकुर श्री गोविंद देव जी को प्रगट किया. इस कारण माघ शुक्ला पंचमी के दिन ठाकुर श्रीजी का पाटोत्सव (पट्टाभिषेक) अनुष्ठान मनाया जाता आ रहा है.

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होगा साप्ताहिक हवन: गोविंद देवजी मंदिर में हर रविवार को सुबह 9:00 से 11:00 बजे तक होने वाला नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ मंदिर के बजाय ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में 8:30 से दोपहर 12:00 बजे तक होगा. इस मौके पर विद्यारंभ, यज्ञोपवीत, दीक्षा सहित अन्य संस्कार भी कराए जाएंगे. प्रयागराज में 3 फरवरी को होने वाले अमृत स्नान के उपलक्ष्य में एक फरवरी को मंदिर के सत्संग भवन में संगम जल की 10 हजार शीशी वितरित की जाएगी. जल वितरण धूप झांकी से राजभोग झांकी तक होगा. जो श्रद्धालु प्रयागराज जाने की इच्छा रखते हैं, लेकिन वहां पहुंच नहीं पा रहे. उनके लिए जयपुर में ही ये विशेष व्यवस्था की जा रही है.

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