पटनाः हाईकोर्ट ने खगड़िया की पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष कृष्णा यादव को बड़ी राहत दी है. उनको पद से हटाने के चुनाव आयोग के आदेश को निरस्त कर दिया. जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय ने पूर्व विधायक रणवीर यादव की पत्नी कृष्णा यादव की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद अपना निर्णय दिया. चुनाव आयोग ने एक मामले में सजायाफ्ता होने के बाद कुष्ण कुमारी यादव को जिला परिषद के अध्यक्ष पद से हटा दिया था.
कोर्ट में दी दलीलः याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एसबीके मंगलम ने कोर्ट को बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने आपराधिक मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद अध्यक्ष पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया. उनका कहना था कि सजायाफ्ता को उपर के कोर्ट में अपील दायर करने का अधिकार है. उनका कहना था कि उस केस में जिला परिषद अध्यक्ष को हाई कोर्ट से जमानत मिली है. वही सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है.
जिप अध्यक्ष पद पर होंगी काबिजः कृष्णा यादव के वकील ने कहा कि इसके बावजूद राज्य निर्वाचन आयोग ने सजायाफ्ता के आधार पर उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया. निर्वाचन आयोग की ओर से रवि रंजन ने कोर्ट को बताया कि आयोग ने कोर्ट से मिली सजा के आधार पर अध्यक्ष को पद मुक्त किया था. दोनों पक्षों की ओर से प्रस्तुत दलील को सुनने के बाद आयोग के आदेश को रद्द कर दिया. अब कृष्णा यादव एक बार फिर से जिला परिषद के अध्यक्ष पद को संभालेंगी.
क्या है मामला: अक्टूबर 2023 में कृष्णा यादव को एक केस में तीन की सजा मिली थी. जिस वजह से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी. उन पर मुंगेर के कारोबारी आलोक तालुकदार ने साल 2005 में रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी. खगड़िया कोर्ट ने इस मामले में रणवीर यादव और कृष्णा यादव को तीन-तीन साल की सजा के साथ उन पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
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