पटना: बिहार की पटना हाई कोर्ट में नवादा अग्निकांड पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आज सुनवाई की. इस घटना में 80 दलितों के घर को जलाया गया था. चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष सुनवाई की गई. इस मामले में खंडपीठ ने राज्य सरकार को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.
महाधिवक्ता ने रखा कोर्ट में पक्ष: सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता पीके शाही ने बताया कि घटना के बाद तुरंत कार्रवाई की गई. इस मामले में कुल 24 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. पुनर्वास, भोजन-पानी समेत अन्य राहत सामग्रियों की भी व्यवस्था की गई है.
नवादा के मांझी टोला में 80 घरों को जलाया (ETV Bharat {FILE Photo}) 'मालिकाना हक को लेकर भ्रम की स्थिति': महाधिवक्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि स्कूल की भी व्यवस्था की गई है. इस घटना के पीछे मूल रूप से जिला न्यायालय द्वारा 29 मई 2024 को पारित आदेश के बाद कमिशन नियुक्त किये जाने के उपरांत, दो पक्षों के बीच जमीन के मालिकाना हक को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी. कोर्ट में मुकदमा भी चल रहा है. इस मामले में आगे की सुनवाई अब 29 नवंबर 2024 को की जाएगी.
नवादा अग्निकांड (ETV Bharat {FILE Photo}) 80 घरों को फूंका गया: बिहार के नवादा में मांझी टोला दलित बस्ती में 80 घरों को आग के हवाले कर दिया गया था. पुलिस ने आग लगाने के आरोप में मुख्य आरोपी नंदू पासवान समेत कुल 24 लोगों को सलाखों के पीछे भेजा था. इस अगलगी कांड में नंदू पासवान ही पूरे आगजनी कांड का मास्टर माइंड था. उसीके एक इशारे पर दर्जनों घरों को आग में झोंक देने का आरोप लगा.
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