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हास्पिटल की लापरवाही से कोमा में गई मरीज, पांच माह में 50 लाख खर्च फिर भी हालत में नहीं सुधार

आगरा के पुष्पांजलि हॉस्पिटल में भर्ती कराई गई थी महिला, सीएम पोर्टल पर शिकायत के बाद गठित कमेटी ने रिपोर्ट में बताई अस्पताल की लापरवाही

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

पुष्पांजलि हास्पिटल
पुष्पांजलि हास्पिटल (Etv Bharat)

आगराःताजनगरी के एक हास्पिटल में इलाज के दौरान बरती गई लापरवाही से महिला मरीज पांच माह से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल हॉस्पिटल में जिंदगी से जूझ रही है. परिजन ने लो ब्लड प्रेशर और कमजोरी के चलते महिला को पुष्पांजलि हास्पिटल में भर्ती कराया था. आरोप है चिकित्सक ने सोडियम की कमी होने की कहकर तेज गति से सोडियम इन्फ्यूजन और हायर एंटीबायोटिक दीं. जिससे हाथ-पैर शिथिल (सेंट्रल पॉटीन माइलिनोलिसिस, सीपीएम) हो गए. हालत बिगड़ती चली गई तो रेफर कर दिया. पीड़िता के परिजन की शिकायत पर सीएमओ ने छह सदस्यीय डॉक्टर्स की टीम से जांच कराई. जिसमें पुष्पांजिल हॉस्पिटल के चिकित्सक और प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है.

लो ब्लड प्रेशर और कमजोरी की शिकायत पर किया था भर्तीःफिरोजाबाद के सिरसागंज निवासी व्यापारी राजेश कुमार जैन ने बताया कि 9 मई 2024 को 62 वर्ष की पत्नी मधु जैन का लो ब्लड प्रेशर और कमजोरी होने पर डॉ. विश्व दीपक से फोन पर संपर्क किया. डॉक्टर की सलाह पर पुष्पांजलि हास्पिटल में पत्नी को भर्ती कराया. हास्पिटल में विशेषज्ञ की टीम ने उन्हें देखा और इलाज शुरू हुआ. लेकिन तबियत सुधार की जगह बिगड़ती चली गई. जिस पर 13 मई को दिल्ली के लिए रेफर कर दिया. दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में पत्नी मधु जैन को भर्ती कराया. वहां के डॉक्टर्स ने जांच के बाद बताया कि उनकी पत्नी के कोमा में जाने की वजह सीपीएम है. यह जानकारी मिलते ही सीएम पोर्टल पर शिकायत की. जिस पर आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने छह सदस्यीय डॉक्टर्स की टीम एक जांच कमेटी बनाई. जांच कमेटी की रिपोर्ट अब मिली है. जिसमें सामने आया कि हॉस्पिटल संचालक और डॉक्टर्स के लिखित बयान भी शामिल हैं.

बीएचटी में सीपीएम नहीं लिखाःव्यापारी राजेश कुमार जैन ने बताया कि पुष्पांजलि हॉस्पिटल में डॉ. विश्व दीपक की निगरानी में हो रहा था. जिन डॉक्टर्स की टीम ने पत्नी को देखा, उन्होंने भी बयान दिए हैं. जिसमें मुख्य दवाई हायपरटोनिक सैलाइन (सोडियम इन्फ्यूजन) और हायर एंटीबायोटिक नहीं देने की बात कही है. जबकि पत्नी को ये दोनों दवाएं दी गईं. लेकि उस दौरान डॉ. विश्व दीपक मौजूद नहीं थे और न ही अन्य किसी डॉक्टर को नामित नहीं किया था. हॉस्पिटल में एंडोक्रोनोलाजिस्ट और नेफ्रोलाजिस्ट होने के बाद भी उनसे परामर्श नहीं लिया गया. करीब 16 घंटे बाद डॉ. विश्व दीपक ने पत्नी का इलाज किया. लेकिन, बेड हेड टिकट (बीएचटी) में सीपीएम नहीं लिखा है. व्यापारी राजेश कुमार जैन का कहना है कि पुष्पांजलि हॉस्पिटल ने चार दिन इलाज के सवा लाख रुपये जमा कराए. अभी तक पत्नी के उपचार में 50 लाख रुपये खर्च हो चुके है. पत्नी कोमा में है. परिवार उनकी हालत देख पूरा परिवार टूट चुका है.

इस कमेटी ने की जांचःसीएम पोर्टल पर शिकायत के बाद आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने एसीएमओ डॉ. अमित रावत की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की. जिसमें एनेस्थेसिस्ट डॉ. स्नेहिल गुप्ता, फिजीशियन डॉ. भाग्यश्री एस शाबी, एसएन मेडिकल कालेज के न्यूरोफिजीशियन डॉ. नवनीत कुमार अग्रवाल, एंडोक्रोनालाजिस्ट डॉ. धर्मेंद्र तिवारी और नेफ्रोलाजिस्ट डॉ. अपूर्व जैन शामिल किए. जिन्होंने जांच करके अपनी रिपोर्ट सीएमओ को दी है.

सोडियम करेक्शन की निर्धारित मात्रा जरूरीःएसएन मेडिकल कॉलेज के आइसीयू प्रभारी डॉ. अतिहर्ष मोहन बताते हैं कि 135 से 140 सोडियम होना चाहिए. सोडियम की कमी होने पर 24 घंटे में इन्फ्यूजन के माध्यम से इतना सोडियम दिया जाता है कि 10 से 12 यूनिट ही बढ़े. नार्मल स्लाइन में 0.9 प्रतिशत सोडियम होता है. जबकि हायपरटोनिक स्लाइन में तीन प्रतिशत होता है. इसे भी बेहद धीमी गति से दिया जाता है. सीपीएम में तंत्रिका तंत्र की कोशिकाएं प्रभावित हो जाती हैं. जिससे मरीज के हाथ पैर शिथिल पड़ जाते है. जिसके बाद मरीज में सुधार की उम्मीद बहुत कम रहती है.

जांच रिपोर्ट पर आपत्ति जताईः पुष्पांजलि हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. आरके शर्मा का कहना है कि मरीज मधु जैन के इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है. जांच कमेटी ने सही तरह से इस मामले में साक्ष्य संकलन नहीं किया है. इसलिए, ये जांच रिपोर्ट दी है. रिपोर्ट पर अपनी आपत्ति कराएंगे. डॉ. विश्व दीपक ने इस बारे में कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया.

जांच रिपोर्ट डीएम और आईएमए भेजीःआगरा सीएमओ डॉ.अरुण प्रकाश ने बताया कि शिकायत मिलने पर डॉक्टर्स की एक जांच कमेटी गठित की थी. जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सोडियम ज्यादा गति से देने और मरीज के इलाज में लापरवाही बरतने की जानकारी दी है. इस रिपोर्ट को अब डीएम आगरा समेत सीएम पोर्टल पर भी अपलोड कर दी है. इसके साथ ही जांच रिपोर्ट की एक प्रति आईएमए की आगरा शाखा को भी रिपोर्ट भेजी है.

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