हरिद्वार: हरिद्वार में परशुराम जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई. अखंड परशुराम अखाड़े के कार्यकर्ताओं ने मालवीय घाट पर गंगा पूजन के साथ परशुराम जयंती पर हवन यज्ञ और पूजन किया. अखंड परशुराम अखाड़े ने इस अवसर पर शास्त्रों की पूजा भी की. परशुराम जयंती के अवसर पर आयोजित इस हवन यज्ञ कार्यक्रम में संतों ने भी प्रतिभाग किया.
अक्षय तृतीया पर मनाया गया परशुराम अवतरण दिवस, 51 ब्राह्मणों ने किया गायत्री मंत्र का जाप - parshuram incarnation day
Chanting of Gayatri Mantra on Parashuram incarnation day हरिद्वार में परशुराम जयंती पर 51 ब्राह्मणों ने गायत्री मंत्र का पाठ किया. इस दौरान स्वामी रामेश्वरानंद महामंडलेश्वर, महानिर्वाणी अखाड़ा ने परशुराम के बारे में लोगों को बताया. उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र दोनों की जरूरत बताई.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : May 11, 2024, 7:48 AM IST
|Updated : May 11, 2024, 12:50 PM IST
इस दौरान स्वामी रामेश्वरानंद महामंडलेश्वर, महानिर्वाणी अखाड़ा ने बताया कि भगवान परशुराम ने जब पृथ्वी पर अधर्म बहुत अधिक बढ़ गया तब अवतरित होकर शस्त्र और शास्त्रों के साथ धर्म की रक्षा का काम किया. आज भी भगवान परशुराम की जयंती पर शस्त्र और शास्त्र दोनों की पूजा की जाती है. उन्होंने बताया कि पहले भगवान परशुराम ने शास्त्रों का अध्ययन किया. इसके बाद जब जरूरत पड़ी तो उन्होंने शस्त्र भी उठाए और पृथ्वी पर अधर्म करने वालों का नाश किया. उन्होंने बताया कि हमें भगवान परशुराम के चरित्र से सीख लेनी चाहिए और आज शस्त्र और शास्त्र के माध्यम से पूजा कर कर भगवान परशुराम का प्रकट उत्सव मनाया गया है.
इस दौरान पंडित अधीर कौशिक ने बताया कि भगवान परशुराम आठ चिरंजीवियों में से एक हैं जो कि आज भी धरती पर मौजूद हैं. वो आज के समय में भी धर्म की रक्षा कर रहे हैं. इसीलिए आज हमने भगवान परशुराम हरिद्वार के ऋषिकुल के पास मालवीय घाट पर 51 ब्राह्मणों के साथ गायत्री पाठ कर कर उनका प्रकट उत्सव मनाया गया है. उन्होंने बताया कि आज के समय में विद्यार्थियों को शस्त्र के साथ शास्त्र का ज्ञान भी अति आवश्यक है. इसलिए हमारे द्वारा ये अभियान चलाया जा रहा है, इच्छुक व्यक्ति संपर्क कर सकते हैं.
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