नई दिल्ली:दिल्ली में राजेंद्र नगर के आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई. इसके बाद से देश के अन्य राज्यों से UPSC की कोचिंग करने आने वाले छात्रों के अभिभावक परेशान हैं. बच्चों को लगातार फोन कर अपडेट ले रहे हैं. वहीं, कई अभिभावक बच्चों से वापस आने को भी कह रहे हैं.इस सिलसिले में ETV भारत ने कुछ स्टूडेंट्स से बात की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या बताया...?
महाराष्ट्र से दिल्ली में UPSC की कोचिंग करने आई शैली ने बताया कि पेरेंट्स दिल्ली भेजने से पहले ही काफी बार सोचते हैं. जब ऐसे हादसे हो जाते हैं तो उनकी टेंशन और बढ़ जाती है. राजधानी छात्रों के लिए असुरक्षित है. पिछले वर्ष मुखर्जी नगर में हादसा हुआ था. उसके बाद भी काफी पेरेंट्स परेशान हुए थे. अभी कुछ दिनों पहले पटेल नगर में एक UPSC स्टूडेंट की करंट लगने से मौत हो गई थी.
"बीते 2 वर्षों से राजेंद्र नगर के एक कोचिंग सेंटर से UPSC की तैयारी कर रही हूं. यहां आज तक ऐसा नहीं हुआ कि हादसे वाली जगह बारिश में पानी न भरा हो. हल्की बारिश में अच्छी खासी वाटर लॉगिंग हो जाती है. इसके अलावा करोल बाग़ मेट्रो स्टेशन मित्रों के गेट नंबर 7 के आसपास भी काफी पानी भर जाता है." -शैली, UPSC अभ्यर्थी
दहशत का माहौलःUPSC की तैयारी करने वाले एक और छात्र कबीर ने बताया कि शनिवार शाम को हुए हादसे के बाद घर में दहशत का मौहाल है. पेरेंट्स लगातार फोन कर रहे हैं. दिल्ली में UPSC की कोचिंग करना भी मुश्किल है. यहां मकान का किराया बहुत ज्यादा है. कोचिंग की फीस भी काफी ज्यादा है. लेकिन सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं है. बच्चे मौत के घाट उतर रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. राजनेता एक दूसरे पर आरोप लगा कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं.
कमेटी का हो गठनः UPSC की कोचिंग लेने दिल्ली आए रामभजन कुमार ने बताया कि पेरेंट्स कल देर रात से ही लगातार न्यूज़ देख रहे हैं और काफी परेशान है. ये कोई सामान्य हादसा नहीं है. ओल्ड राजेंद्र नगर की पूरी अर्थव्यवस्था स्टूडेंट्स की वजह से चलती हैं. हर साल यहां इस तरह की घटनाएं होती है. इसलिए हमारी मांग है कि एक विशेष कमिटी का गठन किया जाना चाहिए, जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, ओल्ड राजेंद्र नगर के लोकल लोग और स्टूडेंट्स को शामिल किया जाना चाहिए. ताकि इस तरह का हादसा दोबारा न हो.