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विकसित भारत कार्यक्रम के तहत जुड़ेगा पालोना का मुद्दा, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री ने दिया भरोसा - PALONA ISSUE

शिशु संरक्षण पर केंद्रीय मंत्री बड़ा बयान दिया है. उन्होंने भरोसा दिया है कि पालोना के मुद्दे को विकसित भारत कार्यक्रम के साथ जोड़ा जाएगा.

Palona issue
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री संजय सेठ (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 22, 2025, 10:26 PM IST

रांची:राजधानी रांची में बुधवार को शिशु शुसंरक्षण अधिनियम (आईपीए) पर राष्ट्रीय परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने यह भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम विकसित भारत कार्यक्रम के तहत पालोना के विषय को भी जोड़ा जाएगा.

पालोना के माध्यम से शिशु परित्याग को लेकर गंभीर मंथन

शिशु संरक्षण अधिनियम (IPA) पर रांची में बुधवार को राष्ट्रीय परामर्श का आयोजन पालोना संस्था की ओर से किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि इस विषय की गंभीरता और प्रयास और इसकी स्पष्टता पालोना नाम से ही स्पष्ट हो जाता है. ऐसे बच्चे देश में लाखों की संख्या में हैं जो रेलवे स्टेशनों के साथ-साथ कई शहर के कूड़ेदानों में मिल रहे हैं. ऐसे बच्चों की रक्षा के लिए पालोना संस्था की मोनिका गुंजन आर्य के द्वारा और दूसरे संगठनों के द्वारा जो प्रयास किये जा रहे हैं वह सराहनीय हैं. राज्य रक्षा मंत्री ने जोर देते हुए कहा इस अभियान के लिए जागरूकता की आवश्यकता है. इस अभियान से पूरी तरह जुड़ा हुआ हूं. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री के तौर पर जब भी मेरी आवश्यकता होगी मैं साथ खड़ा रहूंगा.

जागरूकता बेहद जरूरी

बाल संरक्षण आयोग के पूर्व निदेशक डीके सक्सेना ने कहा कि यह एक ऐसा विषय है जिस पर जानकारी और जागरूकता काफी कम है. 2019 में मेरी मुलाकात पालोना की संस्थापक मोनिका से हुई थी. उसके बाद से मैं इस मुहिम से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ हूं. यह एक ऐसा विषय है जिस पर सबको काम करने की जरूरत है. पालोना की संस्थापक मोनिका का प्रयास काफी सराहनीय है. इससे काफी जागरूकता हुई है. इस क्षेत्र में अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है. अभी हमारे पास शिशु संरक्षण से संबंधित कोई कानून नहीं है, लेकिन कानून आने के बाद भी इस क्षेत्र में जागरूकता की जरूरत है.

क्या है पालोना

झारखंड में शिशु की गर्भ में हत्या और नवजात शिशु का परित्याग एक बड़ी समस्या है. अक्सर मीडिया में ऐसी खबरें सुर्ख़ियो में रहती हैं, जिनमे यह पता चलता है की बिनब्याही मां, बेटे की चाहत में या फिर प्रेमी के द्वारा धोखा दिये जाने के बाद मां अपने बच्चो का परित्याग या फिर अनजाने में उनकी हत्या कर डालती हैं. ऐसे तमाम शिशु को बचाने के लिए रांची में एक महिला सामने आई जिन्हें लोग मोनिका गुंजन आर्या के नाम से जानते हैं. मोनिका गुंजन के अथक प्रयास से अब शिशु परित्याग और भ्रूण हत्या जैसे मामलों में एफआईआर भी दर्ज होने लगे हैं. लेकिन इस समस्या को राष्ट्रीय मंच पर लाने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है. इसी उद्देश्य से रांची में पालोना के द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमे देश के रक्षा राज्य मंत्री सहित समाज के हर तबके से लोग अब सामने आने लगे हैं.

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