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ओडिशा में धान की MSP 3100 तो मध्य प्रदेश में 2300 क्यों? वादाखिलाफी का आरोप

एमपी में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर किसानों की चिंता फिर बढ़ गई है. ओडिशा सरकार ने धान की एमएसपी 3100 रुपये कर दी है.

PADDY MSP ODISHA VS MADHYA PRADESH
मध्य प्रदेश और ओडिशा में धान की एमएसपी में अंतर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 4 hours ago

Paddy MSP Odisha Vs Madhya Pradesh:मध्य प्रदेश में जल्द ही एमएसपी पर धान खरीदी शुरू होने वाली है लेकिन उससे पहले मध्य प्रदेश में किसान नेताओं ने एक बार फिर सरकार से चुनावी वादा निभाने को लेकर सवाल उठाया है. किसान नेताओं का आरोप है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार चुनाव के समय किया गया अपना वादा पूरा नहीं कर रही है जबकि ओडिशा सरकार ने अपना वादा पूरा कर दिया है. किसान नेताओं का कहना है कि जब ओडिशा में सरकार एमएसपी पर धान खरीदी 3100 रुपये में कर सकती है तो फिर मध्य प्रदेश में 2300 रुपये में क्यों. जबकि बीजेपी ने चुनाव से पहले 3100 रुपये में धान खरीदने का वादा किसानों से किया था.

ओडिशा सरकार ने निभाया वादा

ओडिशा के लोगों ने इस बार भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने का मौका दिया. चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने ओडिशा की जनता से वादा किया था कि किसानों से धान ₹3100 प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा. ओडिशा की भारतीय जनता पार्टी ने अपना वादा निभाया और अब वहां केन्द्र के द्वारा घोषित ₹2300 के समर्थन मूल्य पर ₹800 का बोनस सरकार देने जा रही है. लेकिन मध्य प्रदेश के किसानों को मायूसी ही हाथ लग रही है यहां सरकार ने केवल समर्थन मूल्य पर ही धान खरीदने की बात कही है अभी बोनस का कोई जिक्र नहीं किया है.

मध्य प्रदेश में 2 दिसंबर से धान खरीदी

मोहन यादव सरकार ने धान, ज्वार और बाजरा के उपार्जन के लिए नीति घोषित कर दी है. प्रदेश में समर्थन मूल्य पर ज्वार और बाजरा का उपार्जन किया जाएगा. ज्वार और बाजरा की खरीदी 22 नवंबर से और धान की खरीदी 2 दिसंबर से की जाएगी. विभाग ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं. फसल बेचने के लिए किसानों को विभाग की वेबसाइट पर पर स्लॉट बुक कराना होगा. किसान की फसलों के लिए उपार्जन केन्द्र किसानों की सुविधा को देखते हुए तय किए जाएंगे. विभाग की प्राथमिकता होगी कि उपार्जन केन्द्र गोदाम/केप परिसर में बनाए जाएंगे. इसके अलावा समिति एवं अन्य स्तर पर उपार्जन केन्द्र बनाए जा सकेंगे.

जबलपुर के कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर एस के निगम ने बताया कि "मध्य प्रदेश सरकार किसानोंं से ₹2300 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी करेगी. इसके लिए रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं और खरीदी केंद्र भी बना दिए गए हैं जल्द ही इन पर खरीदी शुरू हो जाएगी."

'3100 रुपये का वादा पूरा नहीं कर रही सरकार'

भारतीय किसान संघ के नेता राघवेंद्र पटेल का कहना है कि "भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान किसानों से वादा किया था कि यदि बीजेपी की सरकार बनती है तो कि किसानों से धान ₹3100 प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा. राघवेंद्र पटेल का आरोप है कि मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार अपना वादा नहीं निभा रही है और मध्य प्रदेश में अभी धान ₹2300 प्रति क्विंटल ही खरीदा जाएगा. सरकार ने कोई बोनस देने का भी ऐलान अभी तक नहीं किया है."

'आंदोलन के बाद भी नहीं बदला समर्थन मूल्य'

भारत कृषक समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के के अग्रवालका कहना है कि "मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार किसानों की बात सुनने को ही तैयार नहीं है जबकि इन्होंने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि ₹2700 प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा जाएगा और ₹3100 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी जाएगी . लगातार दबाव बनाने के बाद भी और आंदोलन करने के बाद भी मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने धान के मूल्यों को लेकर कोई बदलाव नहीं किया."

'मध्य प्रदेश के किसानों के साथ भेदभाव क्यों'

भारत कृषक समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के के अग्रवालका कहना है कि "जब मध्य प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और ओडिशा में भी तो फिर मध्य प्रदेश के किसानों के साथ भेदभाव क्यों. जब भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में भी चुनाव के दौरान वादा किया था तो आखिर भारतीय जनता पार्टी अपना वादा क्यों नहीं निभा रही है."

कम कीमत में धान बेचने को मजबूर हैं कई किसान

मध्य प्रदेश में अभी धान खरीदी शुरू नहीं हुई है. जबलपुर की कृषि उपज मंडी में व्यापारी किसानों से मात्र 2000 से ₹2100 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद रहे हैं. जिन किसानों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया या जिन्हें तुरंत पैसे की जरूरत है वह अपनी धान कम पैसों में भी बेचने को मजबूर है.

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