जयपुर. विधानसभा का सत्र 31 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. सदन में जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने और जनता के सवालों का सरकार से जवाब मांगने के लिए विपक्षी दल कांग्रेस ने खास रणनीति तैयार कर ली है. शैडो कैबिनेट बनाकर विधायकों को अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी दी गई है. ये विधायक अपनी-अपनी रुचि के विभागों से जुड़े मुद्दे सदन में उठाएंगे और उनसे जुड़े सवाल पूछेंगे. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मीडिया से बातचीत में कहा, आगामी विधानसभा सत्र के लिए हमारी शैडो कैबिनेट बन चुकी है. हमने विधायकों को जिम्मेदारी दे दी है. जिस विधायक की जिस विभाग में रुचि है. उसके आधार पर हमने हमारे विधायकों को जिम्मेदारी बांट दी है. वो उसके हिसाब से काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष चाहता है कि विधानसभा की कार्यवाही चले और जनता से जुड़े सवालों के जवाब आए.
पहले से बेहतर नजर आएगी परफॉर्मेंस : जूली ने कहा, अबकी बार हमारे विधायकों की पहले से बेहतर परफॉर्मेंस सदन में नजर आएगी. हमें खुशी है कि जो पहली बार विधायक बनकर सदन में आए हैं. उनकी परफॉर्मेंस भी जबरदस्त रही है. इस सरकार की हालात यह कर दी कि न मंत्री जवाब दे पाए और न ही मुख्यमंत्री जवाब दे पा रहे थे.
शैडो कैबिनेट बनाकर दी विधायकों को जिम्मेदारी (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर) पढ़ें: कांग्रेस की चुनौती पर मंत्री बेढम का पलटवार, कहा- विधानसभा में देख लेने की बात करने वालों की मति भ्रमित हो गई
एक साल में क्या किया, इसका हिसाब-जवाब लेंगे : टीकाराम जूली ने कहा, पिछली बार तो ये लोग पूर्ववर्ती सरकार पर जिम्मेदारी डालकर बच गए थे. अबकी बार इनका बचना संभव नहीं है. इन्होंने एक साल में क्या किया है. इसका जवाब और हिसाब हम मांगेंगे. मंत्रियों ने जो बड़े-बड़े आश्वासन दिए हैं. वो सदन की संपत्ति है. उन पर इन्होंने क्या कार्रवाई की है. इसका भी जवाब हम मांगेंगे.
हमारी योजनाओं को बंद किया, नाम बदले : जूली ने कहा, हमारे समय की योजनाओं को लगातार बंद किया जा रहा है. नाम बदले जा रहे हैं. गरीबों को दीपावली पर पेंशन की जरूरत थी. ये दे नहीं पाए. किसान जब फसल बो रहा था और खाद की जरूरत थी तो खाद नहीं दे पाए. गर्मी में बिजली-पानी नहीं दे पाए. बारिश का पानी जयपुर सहित अन्य जगहों पर भर गया तो तब आपदा राहत मंत्री ने इस्तीफा दे रखा था. कोई पानी नहीं निकाल पा रहा था.
जनता से जुड़े सवालों का जवाब आना जरूरी : उन्होंने कहा, हमारा उद्देश्य रहेगा कि विधानसभा की कार्यवाही चले. हमें हंगामा नहीं करना है. हमारे सवालों के जवाब आ जाए. यह काफी है. राजस्थान की जनता की उम्मीद विधानसभा से है. हम जो सवाल उठाते हैं. वो हमारे नहीं, जनता के सवाल हैं. जनता की खून-पसीने की कमाई से विधानसभा चलती है. इसलिए हम नहीं चाहेंगे कि विधानसभा सत्र के दौरान समय बर्बाद हो. पिछले सत्र में भी हमारा यही प्रयास रहा. हमने ईआरसीपी के एमओयू को सार्वजनिक करने की मांग की लेकिन मुख्यमंत्री ने इससे मना कर दिया था. हम सरकार को मजबूर करेंगे कि जनता की बात को सुने और सवालों के जवाब दे.
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एसआई भर्ती पर सरकार का एजेंडा क्या : एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर जूली बोले, यह समझ में नहीं आ रहा है कि सरकार का एजेंडा क्या है. सरकार के एक कैबिनेट मंत्री कहते हैं कि जो हमने तय किया है, वही तो होगा. कोर्ट में सरकार ने अलग जवाब दिया है. यह भी विडंबना है कि इतने आरोपी पकड़े गए और फिर उन्हें जमानत मिल जाती है. सरकार हर कदम पर फेल हो रही है. पुलिस किस आधार पर कार्रवाई कर रही है कि आरोपियों को जमानत मिल रही है. कहीं न कहीं कमियां और जल्दबाजी है. इनका टारगेट कुछ और है.
पर्ची के भरोसे है मुख्यमंत्री और मंत्री :जूली प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पेपर लीक को लेकर भाजपा बड़े-बड़े वादे कर रही थी. जहां भाजपा की सरकारें हैं. वहां भी पेपर लीक हो रहे हैं. केंद्रीय भर्ती परीक्षाओं के पेपर भी लीक हो रहे हैं. हमारी सरकार ने पेपर लीक पर जो कानून बनाया वो केंद्र सरकार के कानून से दस गुना कड़ा है. इनकी सरकार में तो कॉलेज-स्कूल के पेपर भी लीक हुए हैं. इन्होंने आरपीएससी भंग करने की बात कही थी. एक लाख नौकरियां देने का वादा करने वाली सरकार ने एक भी भर्ती की विज्ञप्ति नहीं निकाली. लगता है मुख्यमंत्री और मंत्री पर्ची के भरोसे है. ऊपर से कोई पर्ची आएगी. उसी के आधार पर काम करेंगे.